दोस्तों आज की इस पोस्ट में जानेंगे कि Bonus Shares और Stock Split क्या है?
Bonus Shares in Hindi
Bonus Shares:
जब कंपनी प्रॉफिट कमाती है तो वह या तो कंपनी के ग्रोथ में लगा देती है या फिर शेयर्स होल्डर्स के बीच डिविडेंड या बोनस शेयर्स के रूप में बाँट देती है। इसे डिविडेंड बोनस भी कहते है। कंपनी बोनस के रूप में शेयर्स होल्डर्स को पैसे नहीं देते है, बल्कि मुफ्त में शेयर्स देते है। यह शेयर्स कंपनी अपने रिजर्व शेयर्स में से देती है।
अब सवाल यह आता है कि कंपनी शेयर्स होल्डर्स को शेयर्स किस आधार पर देते है? तो इसका जवाब यह है कि शेयर्स होल्डर्स के पास जितने शेयर्स होते है, उसी के आधार पर एक अनुपात के रूप में दिए जाते है। जैसे: 1:2, 2:1, 3:2 आदि।
Calculation of Bonus Shares:
उदाहरण: यदि मुकेश के पास ABC Ltd कंपनी की 100 शेयर्स है और करेंट शेयर प्राइस 2000 रुपये है साथ ही कंपनी 4:1 अनुपात में (अर्थात 1 शेयर के साथ 4 शेयर्स फ्री) बोनस देने की घोषणा करता है, तब
Total No. of Shares = 100
Current Share Price = 2000 Rs.
Total Investment = 100*2000 = 20000 Rs
If Bonus Share = 4:1
Then Total No. of Shares = 400+100 = 500 Shares
& Share Price = 2000/5 = 400 Rs
& Total Investment = 500*400 = 20000 Rs
ध्यान रहे कि बोनस से हमारी इन्वेस्टमेंट वैल्यू में कोई परिवर्तन नहीं होता है, केवल शेयर्स की संख्या बढ़ जाती है। ऐसा माना जाता है कि बोनस शेयर्स जारी करने से साल भर में उस शेयर्स की प्राइस बढ़ जाती है। कंपनी छोटे निवेशकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से भी बोनस शेयर्स जारी करती है।
Bonus Shares की तारीख:
जिस तरह से डिविडेंड देने के लिए तारीख या date तय किये जाते है, उसी प्रकार Bonus Shares देने के लिए भी कंपनी तारीख तय करती है।
Announcement / Declaration Date: इस तारीख को कंपनी के AGM (Annual General Meeting) में Bonus Shares पर निर्णय लिए जाते है।
Ex Bonus Date: यदि आपको किसी कंपनी की बोनस चाहिए तो इस तारीख के पहले आपके डीमैट एकाउंट में शेयर्स होना चाहिए, तभी आपको बोनस मिल पायेगा।
Record Date: ये वो तारीख होती है, जिसमें कंपनी के शेयर्स होल्डर्स के रिकार्ड देखे जाते है और उन्ही को बोनस जारी करने का निर्णय लेती है।
Bonus Date: इस तारीख को बोनस शेयर्स होल्डर्स के Demat Account में क्रेडिट हो जाते है
Stock Split in Hindi:
Stock Split:
शेयर स्प्लिट या स्टॉक स्प्लिट में शेयर्स की संख्या तो बढ़ती है लेकिन इस कॉपोरेट एक्शन में कंपनी द्वारा फ्री में बोनस शेयर्स नहीं दिये जाते है। बल्कि शेयर्स के फेस वैल्यू में परिवर्तन या स्प्लिट के कारण शेयर्स की संख्या बढ़ जाती है। फेस वैल्यू भी अनुपात में विभाजित होती है और उसी के अनुपात में शेयर्स की संख्या में परिवर्तन होता है। स्टॉक स्प्लिट से भी हमारे इन्वेस्टमेंट वैल्यू में परिवर्तन नहीं होता है, सिर्फ शेयर्स की संख्या ही बढ़ती है। उदाहरण के लिए
Calculation of Stock Split:
यदि आपके पास XYZ Ltd कंपनी के 20 शेयर्स हो, और करेंट मार्केट शेयर प्राइस 1000 रुपये तथा फेस वैल्यू 10 रुपये हो तब
Total Investment = 20*1000 = 20000 Rs.
Case 1:
If Stock Split - 2:1
Then Face Value = 10/2 = 5 Rs
Share Price = 1000/2 = 500 Rs
Total No of Shares = 20*2 = 40 Shares
Total Investment = 40*500 = 20000 Rs
Case 2:
If Stock Split - 5:1
Then Face Value = 10/5 = 2 Rs
Share Price = 1000/5 = 200 Rs
Total No of Shares = 20*5 = 100 Shares
Total Investment = 100*200 = 20000 Rs
उपरोक्त दोनों स्थिति में शेयर्स की संख्या में परिवर्तन हुआ है, इन्वेस्टमेंट की वैल्यू में कोई अंतर नहीं आया है। कभी कभी कंपनी Reserve Stock Split भी करती है, ताकि शेयर्स की संख्या को कम किया जा सके। यह इसके ठीक विपरीत होता है।
जिस तरह से बोनस देने के लिए तारीख या date तय किये जाते है, उसी प्रकार Stock/Share Split में भी कंपनी तारीख तय करती है। ये तारीख ऊपर में समझाया जा चुका है।
Important Points:
1. बोनस शेयर देने और स्टॉक स्प्लिट दोनों से हमारी इन्वेस्टमेंट वैल्यू में कोई परिवर्तन नहीं होता है, केवल शेयर्स की संख्या बढ़ जाती है।
2. दोनों ही कॉर्पोरेट एक्शन से शेयर्स की प्राइस कम हो जाती है।
3. बोनस शेयर देने से फेस वैल्यू में कोई परिवर्तन नहीं होता है, जबकि स्टॉक स्प्लिट से शेयर की फेस वैल्यू एक निश्चित अनुपात में बदल जाती है।
4. अधिकतर कंपनी छोटे निवेशकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से बोनस शेयर या स्टॉक स्प्लिट जैसे एक्शन लेती है। इससे कंपनी की शेयर्स में तरलता बढ़ जाती है।
5. ऐसा माना जाता है कि बोनस शेयर देने और स्टॉक स्प्लिट से कंपनी के प्रति निवेशकों में विश्वास बढ़ता है और साल भर में शेयर्स की प्राइस भी बढ़ जाती है।
उम्मीद है दोस्तों बोनस शेयर्स और स्टॉक स्प्लिट पर ये आर्टिकल जरूर समझ में आया होगा। ऐसे ही वैल्युएबल आर्टिकल के लिए हमारे वेबसाइट को जरुर विजिट करते रहे।
धन्यवाद!
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Fundamental Analysis