दोस्तों शेयर मार्केट में सभी इन्वेस्ट करना चाहते है, मगर जानकारी के अभाव में बहुत से लोग इन्वेस्ट नहीं कर पाते है। सबसे पहले सवाल आता है कि हम इस मार्केट में इन्वेस्ट की शुरुवात कहाँ से करे और इसके लिए हमें क्या करना होगा? तो आपके मन की सारे doubts इस पोस्ट से क्लियर हों जायेंगे। दोस्तों आपको सबसे पहले तो इस मार्केट के बारे में जानकारी लेना होगा, इसके लिए आप इंटरनेट पर बहुत से यूट्यूब चैनल, रिलेटेड न्यूज और वेबसाइट या हमारे इस ब्लॉग की मदद से भी सीख सकते है। उसके बाद आता है एक अच्छा ब्रोकरेज फर्म की चुनाव करने के लिए जिसका सालाना फीस कम से कम हो, ज्यादा से ज्यादा मार्जिन दे, अच्छा ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म हो आदि। ब्रोकरेज फर्म ही हमें डीमैट और ट्रेडिंग एकाउंट खोलने की सुविधा देती है।
शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने के लिए आपके पास तीन तरह के एकाउंट होना बहुत जरूरी है: सेविंग एकाउंट, डीमैट एकाउंट और ट्रेडिंग एकाउंट। सबसे पहले सेविंग एकाउंट से ट्रेडिंग एकाउंट में पैसे ट्रांसफर करना पड़ता है, क्योंकि ट्रेडिंग एकाउंट से ही हम किसी कंपनी के शेयर को खरीद और बेच सकते है। शेयर्स खरीदने के बाद इसे सुरक्षित रखने के लिए डीमैट एकाउंट की जरूरत पड़ती है। जब शेयर्स खरीदते है तो हमारे डीमैट एकाउंट में जमा हो जाते है और जब शेयर्स बेचते है तो हमारे डीमैट एकाउंट से कट जाते है और यह शेयर्स किसी दूसरे के डीमैट एकाउंट में चले जाते है। ये काम इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल तरीके से ऑटोमैटिक हो जाता है।
दोस्तों पुराने समय में शेयर खरीदना और बेचना बहुत ही मुश्किल काम था, उस समय शेयर्स को खरीदने और बेचने के लिए ऑक्शन में जाना पड़ता था यानी हमें बोली लगाकर खरीदना और बेचना पड़ता था। शेयर्स का पूरा लेन देन कागजों में होता था तथा इस लेन देन को पूरा होने में ही 15 दिन से एक महीने तक का समय लग जाते थे, जो कि काफी उबाऊ और जटिल था। इसके साथ ही शेयर्स सर्टिफिकेट पेपर या कागज के होते थे, इसे संभाल कर भी रखना पड़ता था| शेयर्स जल जाने, फट जाने गुम या चोरी हो जाने या किसी भी तरह से खराब हो जाने का भी डर बना रहता था। उस समय जाली शेयर्स सर्टिफिकेट और कई तरह के फ़्रॉड भी होने लगे थे। इस पूरे समस्या का समाधान Demat Account आने के बाद ही हुआ, जिसमे शेयर्स की लेनदेन पूरी तरह इलेक्ट्रॉनिक/डिजिटल तरीके से होने लगे। भारत में सन 1996 के बाद से कंप्यूटर और इंटरनेट के माध्यम से शेयर्स की खरीदी-बिक्री हो रही है। इससे पहले शेयर्स की लेनदेन कागजों या सर्टिफिकेट के रूप में किया जाता था। तो आइये सबसे पहले यह जाने कि डीमैट एकाउंट और ट्रेडिंग एकाउंट होता क्या है?
डीमैट एकाउंट क्या है?
Demat का मतलब Dematerialization से है अर्थात शेयर्स का रिकार्ड भौतिक रूप से अभौतिक रूप (डिजिटल/इलेक्ट्रोनिक फॉर्म) में बदल कर रखना है। डीमैट एकाउंट ठीक सेविंग बैंक एकाउंट की तरह होते है। जब हम बैंक में अपने पैसों को भौतिक रूप से जमा करते है तो यह डिजिटल फॉर्म में एकाउंट में जमा हो जाते है और जब बैंक से पैसे निकालते है तो यह हमारे हाथ में भौतिक रूप से पैसे होते है और साथ ही सेविंग एकाउंट से डिजिटल रूप में पैसे कट जाते है। और आज हम डिजिटल रूप से हम अपने पैसों को एक एकाउंट से दूसरे एकाउंट में ट्रांसफर भी कर सकते है। इसी प्रकार जब हम शेयर मार्केट से शेयर्स ख़रीदते है, तो जो खरीदे हुए शेयर्स है वो इस एकाउंट में डिजिटल फॉर्म में सेव हो जाते है और जब हम शेयर्स बेचते है तो यह एक डीमैट एकाउंट से दूसरे डीमैट एकाउंट में ट्रांसफर हो जाते है यानी हमारे एकाउंट से कट जाते है। साथ ही हम शेयर्स को एक डीमैट एकाउंट से दूसरे डीमैट एकाउंट में ट्रांसफर भी कर सकते है। डीमैट एकाउंट में शेयर्स के अलावा बांड्स, डिबेंचर्स, म्यूच्यूअल फंड्स यूनिट और विभिन्न गवर्नमेंट सिक्योरिटीज को भी डिजिटल फॉर्म में रख सकते है। सभी सिक्योरिटीज डिजिटल फॉर्म में होने के कारण ज्यादा सुरक्षित और विश्वनीय हो जाता है। इससे विभिन्न प्रकार के शुल्क से भी छुटकारा मिला है, जैसे: स्टाम्प ड्यूटी, ट्रांजेक्शन चार्ज, सर्टिफिकेट की प्रिंटिंग, भेजने का खर्च आदि।
ट्रेडिंग एकाउंट क्या है?
आमतौर पर डीमैट और ट्रेडिंग एकाउंट में असमंजस होती है। ये दोनों एक एकाउंट नहीं है बल्कि दो अलग-अलग एकाउंट होती है। डीमैट एकाउंट का उपयोग हम शेयर्स, बांड्स, डिबेंचर्स, म्यूच्यूअल फंड्स यूनिट और गवर्नमेंट सिक्योरिटीज को डिजिटल फॉर्म में सेव करके रखने के लिए करते है। लेकिन हम इस एकाउंट की मदद से इन सिक्योरिटीज को खरीद या बेच नहीं सकते है। हमें इन सिक्योरिटीज को खरीदने और बेचने के लिए एक और एकाउंट की जरूरत होती है, जिसे Trading Account कहते है। इस एकाउंट को हमें किसी Depository Participants (DP) के यहां ओपन करा सकते है। Depository Participants (DP) ही हमें दोनों एकाउंट (Demat Account & Trading Account) को ओपन कराने की सुविधा देती है। बैंक हमें 3 in 1 Account यानी Saving+Demat+Trading Account खोलने की सुविधा प्रदान करते है।
Depository & Depository Participants (DP) क्या है?
भारत में SEBI (Securities & Exchange Board of India) के निर्देशानुसार दो Depository संस्था है जो डीमैट एकाउंट खोलने का काम करते है, जिसे Depository कहते है।
1. NSDL (National Securities Depository Ltd)
2. CDSL (Central Depository Services Ltd)
जब भी हम शेयर मार्केट से किसी कंपनी का शेयर्स ख़रीदते है, तो हम उसे फिजिकल फॉर्म में नहीं रख सकते है। इसे हम डिजिटल फॉर्म में रखने के लिए हमें डीमैट एकाउंट की जरूरत होती है। डीमैट एकाउंट को हम किसी Depository में ओपन करा सकते है। मगर हम यह एकाउंट किसी Depository में डायरेक्ट जाकर ओपन नहीं करा सकते है। इसके लिए Depository Participants (DP) के यहाँ जाकर ओपन करा सकते है।
Depository Participants (DP) एक ऐसी संस्था या फ़र्म होती है, जो निवेशक और Depository के मध्य बिचौलिये या एजेंट के रूप में काम करते है। ये Depository Participants सेबी (SEBI), स्टॉक एक्सचेंज और Depository से रजिस्टर्ड होते है। भारत में बहुत सारे Depository Participants (DP) है, ये बैंक, स्टॉक ब्रोकर फर्म या अन्य वित्तीय संस्थान हो सकता है। जैसे: ICICI Direct, HDFC Securities, Kotak Securities, Sharekhan, Angel One, Motilal Oswal, Zerodha, Upstox आदि।
जैसे: Zerodha एक DP या ब्रोकरेज फर्म है और ये CDSL से लिंक्ड है| अर्थात ज़ेरोधा में ट्रेडिंग एकाउंट खुलवाने पर आपका डीमेट एकाउंट CDSL में होगा।
Depository Participants के यहां फिजिकल रूप से उनके ऑफिस में जाकर या फिर उसके ऑफिसियल वेबसाइट से डीमैट और ट्रेडिंग एकाउंट ऑनलाइन खोल सकते है। ऑनलाइन डीमैट अकाउंट आप तभी खोल सकते जब आपका मोबाइल नंबर आधार और बैंक अकाउंट से लिंक्ड हो तथा बैंक अकाउंट में ऑनलाइन की सुविधा हो।
आवश्यक दस्तावेज
डीमैट एकाउंट खोलवाने के लिए सबसे पहले तो हमारे पास पैन कार्ड होना चाहिए। इसके बिना तो यह एकाउंट नहीं खोलवा सकते है। इसके साथ-साथ निम्न डॉक्यूमेंट भी होने चाहिए:
1. पहचान पत्र के लिए: पैन कार्ड, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट में से कोई एक पहचान पत्र|
2. एड्रेस प्रूफ के लिए: आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, इलेक्ट्रिसिटी बिल में से कोई एक एड्रेस प्रूफ|
3. बैंक प्रूफ के लिए: कैंसिल चेक और बैंक स्टेटमेंट और साथ ही ऑनलाइन बैंकिंग की सुविधा हो|
4. अन्य: दो फोटो, सिग्नेचर|
डीमैट और ट्रेडिंग एकाउंट कैसे ओपन करें?
डीमैट और ट्रेडिंग एकाउंट ओपन करने के लिए आप Depository Participants के यहां फिजिकल रूप से उनके ऑफिस में जाकर या फिर उसके ऑफिसियल वेबसाइट से एकाउंट ऑनलाइन खोल सकते है। मैं यहाँ ज़ेरोधा में एकाउंट ओपन करने की लिंक दे रहा हूँ, जिसकी सहायता से आप बहुत ही आसानी से मात्र 15 मिनट में डीमैट एकाउंट ओपन कर सकते है।
देश की नंबर 1 ब्रोकरेज फर्म Zerodha में डीमैट और ट्रेडिंग एकाउंट ओपनिंग के लिए यहाँ क्लिक करे...
क्लिक करने के बाद नीचे दिए गए स्टेप को फॉलो करे:
1. सबसे पहले अपना मोबाइल नंबर Enter कीजिये, जो आपके बैंक एकाउंट और आधार कार्ड से लिंक हो।
2. उसके बाद आपका नाम और ईमेल आईडी डाले, जिसका पासवर्ड पता हो।
3. उसके बाद आपके ईमेल पर एक कोड जायेगा जिसे आपको ज़ेरोधा के वेबसाइट में भरना होगा।
4. इसके बाद अपना पैन कार्ड का नंबर और अपना जन्मतिथि डालना होगा।
5. इसके बाद आपको एकाउंट ओपनिंग के लिए वन टाइम फीस जो कि 200 रुपये ज़ेरोधा लेती है। इसके साथ ही आपको ट्रेडिंग के लिए ऑप्शन सेलेक्ट करना होगा जिसमें आप ट्रेडिंग करना चाहते है Equity, F&O, Currency, Comodity और साथ ही फीस पेमेंट के लिए आप एटीएम कार्ड, यूपीआई, नेट बैंकिंग में से किसी एक को सेलेक्ट कर सकते है।
6. इसके बाद आपको आधार eKYC करना होगा, जिसे Digilocker के साथ करना होता है।
7. जब आप अपना आधार कार्ड का नंबर Enter करते है तो आपके आधार कार्ड से लिंक नम्बर पर ओटीपी आएगा जिसे आपको भरना होगा।
8. उसके बाद आपको पर्सनल डिटेल्स डालना होगा जैसे मैरिज स्टेटस, फादर्स नेम, एनुअल इनकम, ऑक्यूपेशन, पोलिटिकली एक्सपोज़ आदि पूछते है, सब को भरना होगा।
9. इसके बाद अपना बैंक का डिटेल्स जैसे: Account No, IFSC Code, Branch आदि डिटेल्स को भरना होगा और इसके साथ साथ उसके टर्म और कंडीशन पर राइट का निशान लगा लगाकर फिर Next पर क्लिक करना होगा।
10. इसके बाद आपको फोटो और वीडियो वेरिफिकेशन करना होगा, जिसमे आपको स्क्रीन पर एक नंबर शो होगा, उस नंबर को वाइट पेपर पर लिख कर उसके साथ आपको कुछ मिनट का वीडियो कैप्चर करना है और अपलोड करना होगा।
11. उसके बाद आपको कैंसिल चेक और तीन महीने का बैंक स्टेटमेंट, वाइट पेपर पर सिग्नेचर को फोटो, पैन का फोटो खींचकर अपलोड करना होगा।
12. उसके बाद यदि Equity पर ट्रेड करना है तो फिर से आधार कार्ड का नंबर डालना होगा फिर इससे लिंक्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा और उसे भरना होगा। यहाँ अपना आधार कार्ड से वेरिफाइड करना होगा।
13. आपको आधार कार्ड से तीन बार वेरिफिकेशन करना होगा।
14. इसके बाद आपके पास Congratulations का मैसेज एसएमएस और ईमेल पर प्राप्त होगा।
15. इसके बाद आपको 24 से 48 घंटों तक इंतेजार करना होगा। उसके बाद आपके ईमेल पर यूजर आईडी और पासवर्ड ज़ेरोधा की ओर से भेजा जाएगा।
अगर ये स्टेप समझ में नहीं आये हो तो यूट्यूब पर ज़ेरोधा में ऑनलाइन एकाउंट ओपनिंग का विडियो देखकर भी भर सकते है।
जरुर पढ़े: शेयर मार्केट क्या है? इसमें कैसे निवेश करे?
शुल्क/चार्ज
सामान्यतः अधिकतर ब्रोकर डीमैट एकाउंट ओपन करने का चार्ज 300 से 1000 रुपये तक लेते है। डीमैट एकाउंट अलग अलग ब्रोकरेज फर्म, बैंक, वित्तीय संस्थान अलग अलग चार्ज करते है। बैंक सामान्यतः 3 इन 1 एकाउंट अर्थात Saving+Demat+Trading Account खोलते है, तो इनके यहाँ एकाउंट खोलने का चार्ज और सालाना मेंटेनेंस चार्ज मंहगा होता है। कई ब्रोकरेज फर्म फूल सर्विस ब्रोकर होते है, जो शेयर्स एनालिसिस और शेयर्स खरीदने बेचने की टिप्स से आपकी मदद भी करती है। इनके यहाँ एकाउंट खोलने और मेंटेनेंस चार्ज अन्य के मुकाबले थोड़ा अधिक होता है। आज कल डिस्काउंट ब्रोकरेज का जमाना है जैसे: Zerodha, Upstox, जो डिलीवरी बेस पर जीरो ब्रोकरेज और ट्रेडिंग में बहुत ही कम ब्रोकरेज चार्ज करते है, ये नये नये इन्वेस्टर के लिए बहुत ही अच्छा है। ध्यान रहे कि जिस तरह हमारे सेविंग बैंक एकाउंट के लिए परिवार की किसी एक सदस्य को नॉमिनी अवश्य रूप से रखते है, ताकि किसी अनहोनी या दुर्घटना के समय काम आये, इसी तरह हमें डीमैट एकाउंट के लिए भी नॉमिनी व्यक्ति का नाम भी दर्ज करा लेना चाहिए।
डीमैट और ट्रेडिंग एकाउंट में अंतर
1. डीमैट एकाउंट में हम विभिन्न securities जैसे: शेयर्स, बांड, डिबेंचर्स, म्यूच्यूअल फंड्स की यूनिट आदि डिजिटल फॉर्म में सेव (सुरक्षित) करके रख सकते है। जबकि ट्रेडिंग एकाउंट का उपयोग शेयर्स, बांड्स, डिबेंचर्स, म्यूच्यूअल फंड्स को खरीदने और बेचने के लिए किया जाता है।
2. डीमैट एकाउंट किसी Depository (NSDL & CDSL) में ओपन होता है, जबकि ट्रेडिंग एकाउंट किसी Depository Participants (ICICI Direct, Motilal Oswal, Sharekhan, Zerodha, Upstox etc.) के यहाँ ओपन होता है।
3. डीमैट एकाउंट के द्वारा शेयर्स को एक एकाउंट से किसी दूसरे डीमैट एकाउंट में ट्रांसफर कर सकते है, जबकि ट्रेडिंग एकाउंट से शेयर्स खरीद या बेच सकते है, ट्रांसफर नहीं कर सकते है।
4. डीमैट एकाउंट का उपयोग शेयर्स की व्यापार यानी इंट्राडे ट्रेडिंग, स्कलपिंग ट्रेडिंग आदि के लिए नहीं कर सकते, जबकि ट्रेडिंग एकाउंट से हम कोई भी ट्रेडिंग कर सकते है।
डीमैट एकाउंट के प्रकार
1. BSDA (Basic Service Demat Account): ये एकाउंट भारत के नागरिक के लिए है। इस एकाउंट में आप 50 हजार से कम इन्वेस्टमेंट को रख सकते है। ये रिटेल इन्वेस्टर के लिए है। इसमें आपको कोई भी एनुअल फ़ीस नहीं लगता है।
2. Regular Demat Account: ये भी एकाउंट केवल भारत के लोगों के लिए है। सेबी के नियमानुसार 50 हजार से कम होल्डिंग के लिए आपको किसी भी प्रकार की एनुअल मैंटेनेंस फीस की जरूरत नहीं पड़ता है। लेकिन यदि आपकी शेयर्स होल्डिंग 50 हजार से ऊपर का है तो यह आटोमेटिक रेगुलर डीमैट एकाउंट में चेंज हो जाएगा और साथ ही आपको डीमैट एकाउंट की एनुअल फीस भी देनी होगी।
3. Repatriable Demat Account: यह एकाउंट NRI के लिए है, जो आपको विदेश से हमारे देश में फण्ड ट्रांसफर करने की अनुमति देती है। इसके लिए NRE या Non Resident External बैंक एकाउंट की जरूरत होती है।
4. Non-Repatriable Demat Account: ये एकाउंट भी NRI के लिए है, लेकिन इस एकाउंट की मदद से आप विदेश में फण्ड ट्रांसफर नहीं कर सकते है। इसके लिए NRO या Non Resident Ordinary बैंक एकाउंट की जरूरत होती है। यह एकाउंट उन लोगों के लिए है, जो भारत में रहते समय यहाँ के शेयर्स खरीदे हो और उसे होल्ड करना चाहते हो, लेकिन अब वर्तमान में विदेश में निवासरत हो।
डीमैट एकाउंट के लाभ
1. सिक्योरिटीज को रखने, खरीदने-बेचने और ट्रांसफर करने में आसानी होती है। डीमैट एकाउंट आने के बाद ही शेयर्स की खरीदी और बिक्री में तेजी आयी।
2. पहले हमें शेयर्स की खरीदने और बेचने में काफी समय लगता था। आज डिजिटल फॉर्म में खरीदने और बेचने में बहुत कम समय लगता है।
3. स्टाम्प ड्यूटी, ट्रांजेक्शन चार्ज जैसे शुल्क की बचत होती है।
4. पेपर या सर्टिफिकेट शेयर्स के मुकाबले ज्यादा विश्वसनीय और सुरक्षित।
5. शेयर्स को लॉट में अर्थात 100, 200, 300 या इसके गुणक में खरीदने या बेचने की मजबूरी नहीं। आज हम किसी कंपनी के एक शेयर को भी खरीद और बेच सकते है और डीमैट एकाउंट में सेव करके रख सकते है।
6. ऑनलाइन होने के कारण दुनिया के किसी भी कोने से आप शेयर्स की खरीदी-बिक्री कर सकते है।
7. पुराने समय में शेयर्स की प्रिंटिंग, हैंडलिंग, रखरखाव, भेजने आदि में बहुत अधिक खर्च और समय लगता था, अब ये काम मामूली फीस और कुछ ही समय में एकाउंट सेटलमेंट हो जाते है।
8. केवल डिपाजिटरी पार्टिसिपेंट्स यानी DP में अपने पते को बदलने से सभी कंपनियों मे आपके पते स्वतः बदल जाते है, जिसमें आप निवेश किये हो। जिससे की कंपनी को कोई निवेशक को कोई भी मेसेज भेजने में सुविधा होती है|
9. डीमैट एकाउंट में बोनस इशू और स्टॉक स्प्लिट के शेयर्स ऑटोमैटिक क्रेडिट हो जाते है।
10. एक ही एकाउंट में शेयर्स, बांड्स, डिबेंचर्स, ईटीएफ और म्यूच्यूअल फंड्स की यूनिट रख सकते है।
11. आप बैंक एकाउंट की तरह एक से अधिक डीमैट एकाउंट भी खोल सकते है, लेकिन एक ब्रोकरेज फर्म में तीन से अधिक नहीं खोल सकते है।
डीमैट एकाउंट के हानि
हर चीज के कुछ न कुछ लाभ के साथ हानि भी होते है, इसी तरह डीमैट एकाउंट के कुछ हानि भी हो सकते है:
1. पहले शेयर्स एक पेपर एसेट हुआ करता था, आप अपने घर पर रख सकते थे। लेकिन डीमैट एकाउंट पूर्णतः कम्प्यूटरीकृत होने के कारण आप इसे फिजिकल या पेपर फॉर्म में अपने पास नहीं रख सकते है।
2. पूर्णतः कम्प्यूटरीकृत / इलेक्ट्रॉनिक होने के कारण आप ये कभी नहीं जान पाते कि किसके शेयर्स आप खरीदे रहे और किसको शेयर्स बेच रहे है।
3. इसमें कुछ स्टॉक ब्रोकर गलत काम यानी निवेशकों को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर सकते है। क्योंकि शेयर्स की खरीदी-बिक्री स्टॉक ब्रोकर के टर्मिनल/सॉफ्टवेयर/एप्प के माध्यम से ही किया जाता है।
4. स्टॉक ब्रोकर नये इन्वेस्टर को ट्रेडिंग के लिए ज्यादा उकसा/प्रोत्साहित कर सकते है, जिससे उन्हें ज्यादा से ज्यादा ब्रोकरेज मिल सके।
5. ऐसे निवेशक जिन्हें इंटरनेट, मोबाइल, कंप्यूटर या लैपटॉप की बेसिक समझ नहीं हो, उनके लिए इस एकाउंट को ऑपरेट करना मुश्किल हो सकता है।
6. इस एकाउंट को खोलने के लिए पैन कार्ड अनिवार्य है, पैन कार्ड नहीं होने से आपका एकाउंट बिल्कुल नहीं खुल सकता।
डीमैट और ट्रेडिंग एकाउंट कैसे काम करता है?
जब आप ट्रेडिंग एकाउंट से शेयर्स Buy का आर्डर करते है, तब ब्रोकर का टर्मिनल स्टॉक एक्सचेंज को ये ऑर्डर भेजते है, वहाँ आपके Buy आर्डर शेयर्स तथा संख्या को मैच अर्थात आपके ही समान ही शेयर्स तथा संख्या के Sell आर्डर से मिलान किया जाता है। मिलान करने के बाद स्वतः ही आपका शेयर्स Buy हो जाता है और ब्रोकर के ट्रेडिंग एकाउंट में शो होने लगते है। उसके बाद इसे क्लियरेंस हाउस भेजा जाता है और T+2 day सेटलमेंट में आपके डीमैट एकाउंट में शेयर्स क्रेडिट हो जाती है। ये पूरी प्रकिया ऑनलाइन यानी इलेक्ट्रॉनिक बेस पर होती है।
उपयोग कैसे करे?
डीमैट और ट्रेडिंग एकाउंट का उपयोग करने के लिए आपको इंटरनेट, स्मार्ट फ़ोन और कंप्यूटर की बेसिक नॉलेज होना चाहिए, तभी आप इस एकाउंट को अच्छे से हैंडल कर पाएंगे। क्योंकि ये एकाउंट कम्प्यूटरीकृत सर्वरों से जुड़े होते है। इस एकाउंट को यूज़ करने के लिए DP द्वारा एकाउंट होल्डर को यूजर नेम और पासवर्ड दिया जाता है, जिसके द्वारा वह लॉगिन कर शेयर्स की खरीदी बिक्री कर सकते है। साथ ही साथ डिपाजिटरी भी निवेशकों को यूजर आईडी और पासवर्ड उपलब्ध करते है, ताकि अपने इन्वेस्ट पोर्टफोलियो का रिवीव कर सके तथा शेयर्स की ट्रांसफर भी एक डीमैट एकाउंट से किसी दूसरे डीमैट एकाउंट में कर सके।
उम्मीद है दोस्तो इस पोस्ट से आपको डीमैट एकाउंट के बारे में ज्यादा से ज्यादा समझने में मदद मिली होगी।
धन्यवाद!