Mutual Fund क्या है? इनके फायदे और नुकसान?

क्या आप भी म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश करना चाहते है? तो दोस्तों निवेश करने के पहले म्यूच्यूअल फंड्स के बेसिक्स को भी समझ लेनी चाहिए| ताकि निवेश करते समय उचित निर्णय लेने में आपको मदद मिल सके| शेयर बाज़ार में निवेश करके पैसा कौन नहीं कमाना चाहता है, लेकिन शेयर मार्केट की जानकारी की अभाव, समय की कमी या मार्केट के उतार चढ़ाव की डर के वजह से बहुत से निवेशक इसमें निवेश नहीं करना चाहते है और अन्य दूसरे विकल्प के खोज में रहते है।

जो लोग शेयर मार्केट में सीधे निवेश न कर किसी दूसरे जगह निवेश करना चाहते है, उनके लिए म्यूच्यूअल फण्ड एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। क्योंकि इसमें न आपको मार्केट की जानकारी की जरूरत और न ही किसी शेयर की फ़ण्डामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस की जरूरत होती है। इसमें आपको केवल जो फण्ड अच्छे से परफॉर्म कर रही हो, उनका चुनाव कर निवेश कर सकते है। इसमें आपको शॉर्ट टर्म में ज्यादा प्रॉफिट नजर नहीं आएगा। लेकिन लॉन्ग टर्म में पावर ऑफ कंपाउंडिंग की वजह से जरूर इसमें बड़ा प्रॉफिट बनाया जा सकता है।

Art Of Investing


तो आइए जानते है कि Mutual Fund Kya Hai ?

Mutual Fund कोई कंपनी नहीं होती है, असल में ये Asset Management Company (AMC) के अंतर्गत एक प्रोडक्ट होता है| AMC एक ऐसी कंपनी होती है जिसे SEBI (Securities & Exchange Board of India) से म्यूच्यूअल फण्ड लॉन्च करने का लाइसेंस मिलता है। सभी Mutual Fund कंपनियां SEBI द्वारा ही रेगुलेट किये जाते है। उदाहरण के लिए SBI Mutual Fund एक ऐसी कंपनी है जो अपने नाम से कई म्यूच्यूअल फण्ड बेचती है जैसे: SBI Small Cap Fund, SBI Equity Fund, SBI Large Cap Fund, Debt Fund, Hybrid Fund आदि।

Mutual Fund:

Mutual Fund में बहुत सारे निवेशकों के एकत्रित धन को अनुभवी और कुशल फण्ड मैनेजर द्वारा शेयर्स, बॉन्ड, डिबेंचर, गवर्नमेंट सिक्युरिटी आदि इंस्ट्रूमेंट में निवेश किया जाता है। इस इन्वेस्टमेंट में हुए रिटर्न को बराबर रूप से इनमें निवेश करने वाले निवेशकों को यूनिट या NAV (Net Asset Value) के रूप में बांट दिया जाता है।


Structure of Mutual Fund:

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NAV या Net Asset Value क्या है?

हम जानते है कि किसी कंपनी में निवेश करने पर शेयर्स मिलते है। इसी तरह म्यूच्यूअल फण्ड खरीदने पर निवेशकों को यूनिट या NAV (Net Asset Value) दिया जाता है। म्यूच्यूअल फण्ड की एक यूनिट की वैल्यू को ही NAV कहा जाता है या इसे एक यूनिट की प्राइस भी कह सकते है। हमें म्यूच्यूअल फण्ड में प्रॉफिट तभी होती है जब हम NAV की प्राइस बढ़ जाने के बाद बेचते है। मान लीजिए हमने ABC MF में 2000 रुपये निवेश किये और उस समय उसकी एक यूनिट की कीमत यानी NAV 100 रुपये थी, टैब हमें उसमे 20 यूनिट मिले। एक साल बाद NAV की वैल्यू 100 से बढ़कर 110 रुपये हो जाती है अर्थात प्रत्येक यूनिट पर 10 रुपये की प्रॉफिट। तब हमारी कुल प्रॉफिट 20*10 = 200 रुपये होगी।

Expense Ratio क्या है?

Expense Ratio एक तरह की चार्ज है, जो सभी एसेट मैनेजमेंट कंपनियां अपने निवेशकों से वसुलते है, जिससे वे अपने ऑफिस के खर्चे, रिसर्च और एनालिसिस के खर्च, फण्ड मैनेजर और अन्य एम्प्लोयी की सैलरी इसी पैसे से मैनेज करते है।

AUM क्या है?

AUM या Asset Under Management विभिन्न निवेशकों से प्राप्त म्यूच्यूअल फण्ड की कुल संपत्ति होती है, जिसे फण्ड मेनेजर विभिन्न Securities में निवेश करती है|



Types of Mutual Fund:


म्यूच्यूअल फण्ड के प्रकार को हम दो आधार पर बाँट सकते है:


Asset के आधार पर

1. Equity Mutual Fund:
ये ऐसे म्यूच्यूअल फण्ड होते है जो मुख्यतः शेयर मार्केट में निवेश करते है। अगर आप चाहते कि आपका पैसा शेयर मार्केट में निवेश हो तो आप इस म्यूच्यूअल फण्ड को चुन सकते है। इसमें जितना रिस्क होता है उतना ही रिटर्न भी मिलता है। इसके अंतर्गत Diversified Mutual Fund (Large Cap, Mid Cap, Small Cap, Flexi Cap), ELSS (Equity Linked Saving Scheme), Sector /Thematic Fund, Index Fund आदि फंड्स आते है|


2. Debt Mutual Fund:
ये ऐसे म्यूच्यूअल फण्ड होते है जो मुख्यतः बांड, ट्रेजरी बिल या सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करते है। ये उन निवेशकों के लिए अच्छा है, जो ज्यादा जोखिम नहीं ले सकते। लेकिन इसमें रिस्क और रिटर्न दोनों ही Equity म्यूच्यूअल फण्ड के मुकाबले काफी कम होते है। इसके अंतर्गत Liquid Fund, Short Term Fund, Income Fund, Gilt Fund आदि फंड्स आते है|


3. Hybrid Mutual Fund:
इस प्रकार के म्यूच्यूअल फण्ड में Equity और Debt म्यूच्यूअल फण्ड दोनों में निवेश करते है।अगर आप चाहते है कि आपके कुछ पैसे शेयर में कुछ पैसे बांड में निवेश हो तो इस म्यूच्यूअल फण्ड को चुन सकते है। इसमें रिस्क और रिटर्न Debt म्यूच्यूअल फण्ड से ज्यादा और Equity म्यूच्यूअल फण्ड से कम रहता है। इसके अंतर्गत Debt Oriented Balanced Fund, Equity Oriented Balanced Fund, Monthly Income Plane आदि फंड्स आते है|


4. Other Mutual Funds:
कुछ म्यूच्यूअल फंड्स सोना, इंडेक्स और विदेशों के शेयर्स पर भी निवेश करते है| इसके अंतर्गत ETF (Exchange Traded Fund), Gold Fund, International Fund, Funds of Fund आदि फंड्स आते है|




Structure के आधार पर

1. Open Ended Mutual Fund:
ऐसे म्यूच्यूअल फण्ड को आप कभी भी खरीद और बेच कर सकते है। इसमें Lock in period नहीं होता है।

2. Closed Ended Mutual Fund:
इस तरह के म्यूच्यूअल फण्ड में हम इसके स्टार्ट में ही निवेश कर सकते है और उसके बाद जब तक म्यूच्यूअल फण्ड की टर्म एन्ड नहीं हो जाता है, तब तक हम न इसमें और निवेश कर सकते है और न ही इसे बेच सकते है।

3. Interval Mutual Fund:
इस तरह के म्यूच्यूअल फण्ड में हम एक खास अंतराल में ही हम अपने पैसे निवेश और निकाल सकते है। ये अंतराल म्यूच्यूअल फण्ड ही निर्णय लेती है। अंतराल खत्म हो जाने के बाद हम न तो इसमें निवेश कर सकते है और न ही बेच सकते है।



Mutual Fund में कैसे निवेश करे?

म्यूच्यूअल फंड्स में निवेशक दो तरीकों के निवेश कर सकते है। पहला है ऑफलाइन जिसमें आपकों अपनी पैन कार्ड, आधार कार्ड, दो फोटो आदि दस्तावेज के साथ संबंधित म्यूच्यूअल फंड्स ऑफिस में जाकर अपनी पसंद की स्कीम खरीद सकते है। इसमें आपको दो तरह के प्लान मिलेंगे, जिसमें एक है डायरेक्ट प्लान, जिसे आप खुद से अपने वित्तीय लक्ष्य को ध्यान में रखकर सेलेक्ट करेंगे और दूसरा है रेगुलर प्लान जिसमे आप किसी म्यूच्यूअल फण्ड एडवाइजर की मदद ले सकते है, जो आपको फण्ड चयन करने में हेल्प करेंगे, लेकिन इस प्लान में एडवाइजर को कमीशन देना पड़ता है। जबकि डायरेक्ट प्लान में कमीशन नहीं देना पड़ता। दूसरा ऑप्शन है ऑनलाइन जिसमें संबंधित म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी के वेबसाइट से सीधे ऑनलाइन खरीद सकते है। इसमें भी आपको डायरेक्ट प्लान और रेगुलर प्लान मिल जाएंगे।

अभी वर्तमान समय में आप MyCAMS, KFinKart, Groww, फोनपे, पेटीएम, इंवेस्को, कॉइन आदि एप्प के माध्यम से भी बड़ी आसानी से म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश कर सकते है।

म्यूच्यूअल फण्ड खरीदते समय आपको पेमेंट के लिए दो विकल्प मिलेंगे:

Lumpsum: इसमें आपको एक मुश्त पेमेंट करना होता है, जैसे आप किसी म्यूच्यूअल फण्ड में 5 लाख निवेश करना चाहते है तो आपको एक साथ एक ही बार में 5 लाख निवेश करना होगा।

SIP (Systematic Investment Plan): इस ऑप्शन के द्वारा आप छोटी पूंजी (जैसे 500 रुपये मासिक से भी कम) से भी म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश कर सकते है। इसमें आप निवेश की राशि और निवेश का अंतराल को अपने हिसाब से सेट कर सकता है| ये आप्शन सैलरी क्लास व्यक्ति लिए एकदम सही है| SIP के द्वारा आप अपने फाइनेंसियल गोल को आसानी से कैलकुलेट कर सकते है अर्थात किस लक्ष्य के लिए कितनी रकम, कितना ब्याज और कितनी समय की जरुरत होगी|
SIP Calculator के लिए यहाँ क्लीक करे: SIP Calculator



Mutual Funds के फायदे:

1. म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश आप बहुत ही छोटी पूंजी से शुरुआत कर सकते है। जैसे: 500 रुपये से भी कम राशि से।

2. इसे खरीदने के लिए आपको कोई डीमैट एकाउंट खोलवाने की भी जरूरत नहीं पड़ती है। जिससे डीमैट एकाउंट खोलवाने की चार्ज और एनुअल मेंटेनेंस फीस भी देने की जरूरत नहीं होती है।

3. इसमें आप अपनी अलग अलग फाइनेंसियल गोल के हिसाब से इक्विटी, डेब्ट, हाइब्रिड और अन्य इंस्ट्रूमेंट में इन्वेस्ट कर सकते है।

4. इसमें आपको शेयर मार्केट की तरह बहुत सारे रिसर्च और एनालिसिस की जरूरत नहीं पड़ती है। इससें आपको ज्यादा से ज्यादा इंटरनेट की मदद से एक अच्छा फण्ड सेलेक्ट करना होगा, जिसका पिछला 5-6 वर्षों का परफॉर्मेन्स अच्छा हो। लेकिन ध्यान रहे जो फण्ड पिछले 5-6 वर्षों में अच्छा प्रदर्शन किया हो वो आगे आने वाले वर्षों में भी अच्छा प्रदर्शन करेगी, यह जरूरी नहीं है। लेकिन अधिकतर म्यूच्यूअल फण्ड लम्बी अवधि में पावर ऑफ कंपाउंडिंग वजह से अच्छा प्रॉफिट देता है|

5. इसमें मार्केट के उतार चढ़ाव से ज्यादा डरने की भी जरूरत नहीं है, क्योंकि इसमें आपके पैसों को अनुभवी और कुशल फण्ड मैनेजर मैनेज कर रहे होते है, जिससे कि वे आपके पैसों से ज्यादा से ज्यादा लाभ कमा के दे सके।

6. समय की बचत होती है। इसमें हम कभी भी जरुरत के समय पैसे निकाल सकते है, मतलब कि इसमें तरलता होती है| स्कीम से एग्जिट होने के बाद 3 से 4 दिन के अंतर्गत आपके पैसे बैंक अकाउंट में जमा हो जाते है|

7. अलग अलग वित्तीय लक्ष्य के लिए म्यूच्यूअल फण्ड में ढेरों विकल्प मौजूद होते है। जैसे रिटायरमेंट, बच्चों के एजुकेशन ,शादी, कार, घर आदि के लिए अलग अलग स्किम चुन सकते है।

8. वर्तमान समय में आप MyCAMS, KFinKart, Groww, फोनपे, पेटीएम, इंवेस्को, कॉइन आदि एप्प के माध्यम से भी बड़ी आसानी से म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करना प्रारम्भ कर सकते है।

9. म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश से हमें डायवर्सिफिकेशन यानी विविधता का लाभ भी मिलता है, क्योंकि फण्ड मेनेजर हमारे पैसों को डाइवर्सिफाइड तरीके से विभिन्न फंड्स एवं इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते है, जिससे हमारा जोखिम कम हो जाते है|



Mutual Funds के नुकसान:


1. म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट से आपको शेयर मार्केट के मुकाबले प्रॉफिट कम ही मिलेंगे। क्योंकि म्यूच्यूअल फण्ड हाउस आपसे एक्सपेंन्स रेशियों की राशि भी वसूलती है। साथ ही यदि आप रेगुलर प्लान में इन्वेस्ट किये हो तो एडवाइजर का चार्ज भी देना पड़ता है। इस तरह से आपका प्रॉफिट काफी कम हो जाते है।

2. इसमें छोटी अवधि में ज्यादा प्रॉफिट नहीं कमाई जा सकती है। यदि आपका वित्तीय लक्ष्य लंबी अवधि ( कम से कम 5 से 10 वर्षों के लिये) का है, तो ही इनमें निवेश करें।

4. कुछ म्यूच्यूअल फण्ड स्किम लॉक इन पीरियड का होता है, इसका मतलब ये है कि जब तक उस स्किम की समय सीमा समाप्त नहीं हो जाती तक तक उस स्किम को बेच या विड्रॉल नहीं कर सकते है। जैसे: ELSS (Equity Linked Saving Scheme) में तीन साल की लॉक इन पीरियड रहती है|

5. इसमें निवेश करने के बाद आपको यदि प्रॉफिट होती है तो STCG और LTCG जैसे टैक्स भी देना पड़ता है। STCG या Short Term Capital Gain में यदि आप एक साल के भीतर स्किम से एग्जिट होते है, तो आपको अपने प्रॉफिट का 15% की दर से टैक्स देना होता है।
LTCG या Long Term Capital Gain में यदि आप एक साल बाद स्किम से एग्जिट होते है तो आपको एक लाख के बाद जितनी भी प्रॉफिट होती है, उसमें 10% की दर सेे  टैक्स देना होता है। इस प्रकार देखा जाय तो टैक्स भी आपकी कमाई को काफी कम कर देते है।

6. डायरेक्ट प्लान को चुन कर आप अपना कमीशन तो बचा लेते है, लेकिन आप स्किम चुनते वक्त जानकारी की अभाव में गलती भी कर सकते है। जिससे आपको फायदे की जगह नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।

7. म्यूच्यूअल फण्ड में प्रॉफिट की कोई निश्चित गारंटी नहीं होता है| क्योंकि ये भी शेयर मार्केट में निवेश करते है, जो कि जोखिम के अधीन है|



उम्मीद है दोस्तों म्यूच्यूअल फण्ड के बेसिक्स आपको समझ में आया होगा साथ ही हमने जाना कि इसमें कैसे निवेश कर सकते है| इसके फायदे और नुकसान को आप खुद ही समझकर निवेश की उचित निर्णय ले सकते है| पोस्ट को अंत तक पढने के लिए दिल से धन्यवाद!





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