दोस्तों इससे पहले के पोस्ट में हम ROE को समझ चुके है। आइये अब ROCE यानी Return on Capital Employed को समझते है।
ROCE क्या है? (What is ROCE in Hindi)
कोई कंपनी अपने सभी पैसों या कैपिटल अर्थात अपने Total Equity (Equity Share & Preferred Share), Reserves & Surplus और Total Debt (Long Term Borrowing & Short Term Borrowing) को मिलाकर कितना प्रॉफिट कमा रही है, उसे चेक करने के लिए ROCE या Return on Capital Employed का उपयोग करते है। यह एक प्रॉफिटेबिलिटी रेशियों है।
इसे एक उदाहरण से समझते है दोस्तों मान लीजिये आपने एक कंपनी ABC Ltd बनाई और इस कंपनी को चलाने के लिए 1000 रुपये की जरूरत है, लेकिन आपके पास 500 रुपये है। आप 500 रुपये के लिए अपने दोस्त या रिश्तेदार के पास जाते हो, लेकिन दोस्त या रिश्तेदार से 250 रुपये ही इक्कठे कर पाते हो, बाकी 250 रुपये आप बैंक से ब्याज में उधार लेते हो। इस तरह आपके पास
Total Equity Shares = स्वयं का 500 रुपये + दोस्त या रिस्तेदार से 250 रुपये = 750 रुपये
और कर्ज या Total Debt = 250 रुपये हुए।
इस तरह
Capital Employed = 750 रुपये + 250 रुपये = 1000 रुपये
अर्थात इक्विटी और डेब्ट मिलाकर Capital Employed 1000 रुपये हुए।
अब यदि कंपनी आने वाले साल में 1000 रुपये को 2000 रुपये बना लेती है अर्थात 1000 रुपये लाभ कमा लेती है, तब ROCE यानी Return on Capital Employed 100% होगा। यदि कम्पनी को 500 रुपये की प्रॉफिट होगा तो ROCE 50% होगा।
एक निवेशक की दृष्टि से अच्छे कंपनी का ROCE 20% से कम नहीं होना चाहिए।
ROCE को कैसे कैल्कुलेट करें?
किसी कंपनी के Return on Capital Employed या ROCE को हम निम्न दो फॉर्मला से काउंट कर सकते है
1. ROCE = EBIT / (Total Assets - Total Current Liabilities)
2. ROCE = EBIT / (Share Holder's Equity + Long Term Liabilities)
यहाँ EBIT को Earning Before Interest and Tax या Operating Profit भी कहते है। ये कंपनी के Income Statement में मिल जाएंगे।
ROCE का कैसे उपयोग करें?
किसी कंपनी में कर्ज हो तो वह उस कर्ज का सही तरीके से उपयोग कर रहा है या नहीं यह जानने के लिए ROCE बहुत अच्छा पैरामीटर है।
एक निवेशक को किसी कंपनी में निवेश करने से पहले ROCE को जरूर देखना चाहिए। किसी कंपनी का ROCE यदि 20% से कम हो तो हमें निवेश नहीं करना चाहिए।
किसी कंपनी का ROCE साल दर साल बढ़ना अच्छा माना जाता है, ये अच्छी ग्रोथ की निशानी है। और यदि किसी कंपनी का ROCE साल दर साल कम हो रही हो तो हमें ऐसी कंपनी से दूर रहना चाहिए।
ROCE का उपयोग हम समान सेक्टर्स की विभिन्न कंपनियों की तुलना कर के एक अच्छी कंपनी का चुनाव भी कर सकते है।
हमें एक और चीज पर भी गौर करना चाहिए कि कर्ज का ब्याज ROCE से अधिक न हो, क्योंकि अगर ब्याज ROCE से अधिक हुआ तो कंपनी अपने Reserves & Surplus से पैसे देने होंगे, जो कि एक कंपनी और निवेशक दोनों के लिए अच्छा नहीं होगा।
और अंत मे दोस्तों एक बात और कहना चाहूंगा कि केवल ROCE के आधार पर कंपनी का चयन करना गलत हो सकता है, हमें इसके साथ-साथ और भी कई फाइनेंसियल रेशियों है जिन्हें अध्ययन करना चाहिए।
आशा करता हूँ दोस्तों ROCE यानी Return on Capital Employed आपको अच्छे से समझ में आया होगा। शेयर मार्केट, म्यूच्यूअल फण्ड और पर्सनल फाइनेंस से रिलेटेड जानकारी के लिए हमारे ब्लॉग को Subscribe जरुर कर ले ताकि हमारे आने वाले नये पोस्ट की Notification मिलती रहें।
धन्यवाद!