ROE क्या है? इसे कैसे कैलकुलेट करें? और इसका उपयोग कैसे करें?

कोई भी निवेशक को किसी कंपनी में निवेश करने के पहले उसके सारे पहलु को अच्छे से समझ लेना चाहिए, तब जाकर उसमें निवेश के बारे में सोचना चाहिए। एक अच्छे और सफल निवेशक जिस भी कंपनी में निवेश करना चाहते है उसके बारे में बहुत सारी जानकारी, विभिन्न पैमाने या पैरामीटर को बड़ी बारीकी और सावधानी से चेक करते है और साथ ही साथ उस कंपनी की फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस भी करते है, तब जाकर उसमें निवेश करने को सोचते है।

तो दोस्तों आज इस आर्टिकल में शेयर मार्केट में सबसे ज्यादा उपयोग की जाने वाली एक महत्वपूर्ण पैमाना या अनुपात ROE या Return On Equity के बारे में जानेंगे। तो आइये जाने... 

                   

कोई कंपनी अपनी शेयर होल्डर इक्विटी का उपयोग कर कितना लाभ कमा रही है, इसे मापने के लिए ROE का उपयोग किया जाता जाता है। इसे हमेशा प्रतिशत में लिखा जाता है।

ROE Kya Hai?

इस प्रकार दोस्तों "कोई कंपनी शेयर धारक के पैसे का उपयोग कर कितना लाभ कमा रही है, उसे ही ROE या Return On Equity कहते है।"

किसी कंपनी का ROE निकालने के लिए हमें उस कंपनी के शुद्ध कुल आय और शेयर होल्डर इक्विटी पता होना चाहिए, क्योंकि इन्ही दोनों का अनुपात ROE होता है। ROE को हम इस फार्मूला के द्वारा निकाल सकते है:

ROE = Net Profit Income / Total No of Outstanding Share

कंपनी का शुद्ध आय जिसे Net Profit या PAT या Profit After Tax भी कहते है, उसकी एक वर्ष की वह प्रॉफिट होता है, जिसमें कुल आय में से बिज़नेस में हुए कुल खर्च, टेक्स, अन्य खर्चों को घटाने के बाद बचता है।

किसी कंपनी के नेट प्रॉफिट उसके प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट में मिल मिल जाएंगे और शेयर होल्डर इक्विटी बैलेंस शीट में मिल जायेंगे।

अब दोस्तों प्रॉफिट एन्ड लॉस स्टेटमेन्ट और बैलेंस शीट कहाँ देखे? इसके लिए उस कंपनी के वेबसाइट या स्टॉक एक्सचेंज (BSE & NSE) के वेबसाइट से पता कर सकते है।

जैसे ABC ltd कंपनी की कुल शेयर होल्डर इक्विटी 10 लाख है और वर्ष के अंत में उसके 3 लाख रुपये शुद्ध आय है, तब

         = 0.3 या 30%

दोस्तों एक इन्वेस्टर की नजर में ROE कम से कम 20% से 25% होना चाहिए। अगर इससे कम है तो दूसरी जगह निवेश के बारे में सोच सकते है।

केवल ROE देखकर निवेश न करें, क्योंकि इसमें कुछ कमियाँ है। जैसे किसी कंपनी में अधिक कर्ज या Debt होने से भी ROE बढ़ सकता है। इसलिए हमें debt free और High ROE वाले कंपनी का चुनाव करना चाहिए।

High Debt और High ROE वाले कंपनी को अच्छा नहीं माना जाता। हमें ऐसे कंपनी में निवेश नहीं करनी चाहिए।

आशा करता हूँ दोस्तों ROE आपको अच्छे से समझ में आया होगा। शेयर मार्केट, म्यूच्यूअल फण्ड और पर्सनल फाइनेंस से रिलेटेड जानकारी के लिए हमारे ब्लॉग को जरूर विजिट करते रहे।
धन्यवाद!


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