शेयर मार्केट में निवेश करते समय हमें क्या-क्या सावधानियां रखनी चाहिए?

नमस्कार दोस्तों..

कोई भी निवेश करने से पहले हमें उसके जोखिमों को अच्छी तरह समझ लेनी चाहिए तब जाकर हमें निवेश की योजना बनानी चाहिए| शेयर या स्टॉक मार्केट में निवेश करते समय उन गलतियों को यदि पहले से समझ ले तो हम भविष्य में होने वाले भारी नुकसान से बच सकते है, साथ ही हानि को लाभ में भी बदला जा सकता है| तो दोस्तों आज हम इस आर्टिकल में जानेंगे कि

शेयर मार्केट में निवेश करते समय हमें क्या-क्या सावधानियां रखनी चाहिए?




1. शेयर मार्केट में बिना समझे निवेश करना
शेयर मार्केट में अक्सर जो नए निवेशक होते है, वे इसके बेसिक्स को बिना जाने समझे निवेश करते है। जिससे उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ता है। नुकसान होने के बाद वे मार्केट को ही दोष देने लगते है। लेकिन ऐसा नहीं है दोस्तों यदि हम शेयर मार्केट के बेसिक्स यानी फंडामेंटल और टेक्निकल को समझ ले तो हम इस मार्केट से बड़ा लाभ कमा सकते है।

2. शेयर मार्केट को जुआ या सट्टा समझना
दोस्तों कई रिटेल या नये इन्वेस्टर शेयर मार्केट में शुरुवात इंवेस्टिंग में न करके इंट्राडे या फ्यूचर एंड ऑप्शन में ट्रेडिंग से करते है, जो कि सबसे बड़ी गलती होती है। शुरूवात में ट्रेडिंग से कुछ दिन तो लाभ कमा लेते है, लेकिन महीने के अंत में उन्हें नुकसान ही होता है। भारी नुकसान के बाद ये नये इन्वेस्टर मार्केट की तरफ मुड़कर भी नहीं देखते और साथ ही ऐसे लोग पब्लिक में मार्केट के खिलाफ भ्रम फैलाते है।

3. लालच और डर में शेयर को खरीदना और बेचना
कई नये इन्वेस्टर किसी के पोर्टफोलियो को नकल करके, किसी दोस्त या रिस्तेदार के प्रॉफिट को देखकर या बुलिश मार्केट में शेयर खरीदते है और जब मार्केट गिर रहा हो तो डर में शेयर बेच देते है। ऐसी स्थिति में उन्हें नुकसान ही होता है। दुनिया के प्रसिद्ध निवेशक वारेन बफेट कहते है कि जब मार्केट में डर से सभी लोग शेयर को बेच रहे हो तो उस समय हमें अच्छे फंडामेंटल कंपनी के शेयर को खरीद लेना चाहिए और जब मार्केट में सभी लालच से शेयर खरीद रहे हो तो सावधान हो जाना चाहिए। इस तरह हमें अपने लालच और डर को काबू में रखकर निवेश करनी चाहिए, तभी हमे प्रॉफिट हो सकता है|

4. धैर्य न रखना या पैसे कमाने के लिए जल्दी करना
कई लोग शेयर मार्केट को पैसा छापने की मशीन समझते है और जल्द से जल्द अमीर बनने की सपने देखते है, जो कि गलत है। दोस्तों जैसे हम 12वी के बाद कुछ महीनें या एक साल में ग्रेजुएशन की डिग्री नहीं मिल जाती है| वैसे ही कुछ महीने या एक साल में हम सफल इन्वेस्टर या ट्रेडर नहीं बन सकते है| इसके लिए हमें सीखने के लिए समय तो देना ही पड़ेगा| शुरुवात में कुछ गलतियां या नुकसान भी हो सकती है और उसी समय हमे धैर्य रखनी चाहिए| इसलिए हमे शुरुवात में कम पैसों से ही निवेश करना चाहिए और जब हम सीख जाये तब निवेश की राशि को धीरे धीरे बढाना चाहिए|





5. बिना जाने समझे एवरेज (Average) करना
कई बार दोस्तों हम जिस स्टॉक में निवेश किये होते है, वो स्टॉक नीचे चली जाती है और उसके बाद हम कारण जाने बिना उस स्टॉक में एवरेज करने लगते हैं, जो हमारी बड़ी गलती होती है और जैसे ही उसमें एवरेज करते है, वे फिर नीचे जाने लगते है। इसलिए हमें स्टॉक में एवरेज सोच समझकर करना चाहिए। यदि स्टॉक की प्राइस 200 दिन की मूविंग एवरेज से नीचे में ट्रेड कर रही हो, तो समझ ले कि वे डाउन ट्रेंड में है, ऐसे में हमें एवरेज करने से बचना चाहिए|

6. कंपाउंडिंग (Compounding) की पावर को न समझना
प्रसिद्ध वैज्ञानिक आइंस्टीन ने भी कंपाउंडिंग को आठवाँ अजूबा माना है। यदि आपको 30 दिनों तक दो विकल्प दिया जाए, जिसमें पहला ये है कि रोज आपको 1 करोड़ मिलेगा और दूसरे विकल्प में आपको 1 रुपये से प्रारंभ कर हर रोज आपको मिलने वाली राशि को दो गुनी कर दी जाये अर्थात रु.1, रु.2, रु.4, रु.8, रु.16,...... 30 दिनों तक। तब हममें से अधिकतर लोग पहले विकल्प को चुनेंगे, क्योंकि सीधा सीधा हमे महीने के अंत तक 30 करोड़ तो मिल ही जाएंगे। लेकिन दूसरे विकल्प को हमारा दिमाग जल्दी से कैलकुलेट नहीं कर पायेगा। लेकिन दोस्तों दूसरे विकल्प में महीने के 30वें दिन 536870912 रुपये मिलेगा और 30 दिनों में कुल 1073741823 रुपये हो जाएंगे, जो कि पहले विकल्प से कई गुना अधिक है यानी एक अरब से भी अधिक। इसी तरह यदि हम स्टॉक मार्केट में भी अपने पैसे को इन्वेस्ट करके लॉन्ग टर्म तक होल्ड करते है, तो कंपाउंडिंग की वजह से हमें कई गुना रिटर्न मिल सकते है।

7. उधार लेकर शेयर मार्केट में लगाना
कुछ नये इन्वेस्टर शुरुवात में कुछ लाभ कमा लेते है| अब वे लालच में और अधिक पैसा इन्वेस्ट करना चाहते है, ताकि उन्हें और अधिक लाभ मिल सके। अति आत्मविश्वास में वह दोस्त या रिश्तेदार से उधार या बैंक से लोन लेकर इन्वेस्ट कर देते है| इससे उन्हें घाटा ही हो सकता है और साथ ही कर्ज के जाल में भी फंस सकते है| कभी कभी हम शुरुवात में कम पैसों से मार्केट से लाभ कमा लेते है, लेकिन जब ज्यादा पैसे निवेश करते है तो नुकसान होने लगता है| ऐसा क्यों होता है? क्योंकि कम पैसे को इन्वेस्ट कर ज्यादा टाइम देते है, उनके डूबने या लॉस होने से हमें कोई फर्क नहीं पड़ता और हम ज्यादा आत्मविश्वास के साथ लॉन्ग टर्म के लिए होल्ड कर लेते है, तो हमें लाभ ही होता है। लेकिन दोस्तों जब हम ज्यादा पैसे या उधार लेकर पैसे लगाते हैं तो हमें शेयर मार्केट की रोज के उतार चढ़ाव से डर लगने लगता है, आत्मविश्वास भी कम होता है और साथ ही उसे कम समय तक ही होल्ड कर पाते है, जिसके चलते हमें नुकसान ही होता है| इसलिए दोस्तों हमें ज्यादा रिटर्न कमाने के लिए खुद के पैसों को ही लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करना चाहिए। उधार या लोन लेकर हमें पैसा निवेश नहीं करना चाहिए|

8. पेनी स्टॉक या सस्ते स्टॉक पर पैसा लगाना
दोस्तों कई लोग पेनी या सस्ते स्टॉक को इसलिए खरीदते है कि 2 या 5 रुपये के ये स्टॉक कुछ दिन में 100 या 300 रुपये के हो ही जायेंगे, तब इन्हें बेच कर अच्छा मुनाफा कमा लेंगे। लेकिन ये स्टॉक सस्ते या पेनी क्यों है, इस बात की रिसर्च या एनालिसिस नहीं करते है। दोस्तों शेयर मार्केट में 5000 रूपये की एक स्टॉक सस्ते हो सकते है और 10 रूपये की एक स्टॉक महंगे हो भी सकते है| ये स्टॉक की कीमत उनके फंडामेंटल और ग्रोथ पर निर्भर करते है| इसलिए नये निवेशक को प्रारंभ में अच्छा फंडामेंटल और लार्ज कैप (ब्लूचिप) के स्टॉक को ही चुनना चाहिए, क्योंकि ऐसे स्टॉक मार्केट की गिरावट में भी कम प्रभावित होते है।

9. पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाइड न करना
दोस्तों यदि आप केवल एक ही कंपनी या एक सेक्टर के स्टॉक रखेंगे तो किसी समय वह कंपनी नुकसान में चली गई या उस सेक्टर में मंदी आ गई तो हमें नुकसान हो सकता है| इसलिए हमारे पोर्टफ़ोलियो में 4 या 5 सेक्टर का स्टॉक होना चाहिए, ताकि यदि 1 या 2 सेक्टर के बिज़नेस में साइक्लिक मंदी हो तो अन्य सेक्टर के स्टॉक जो अच्छा परफॉर्म कर रही हो, वे हमारी पोर्टफ़ोलियो को बैलेंस कर सके, इससे हमे भारी नुकसान होने से बचा सकती है।

10. पोर्टफोलियो में कम या ज्यादा स्टॉक रखना
अगली गलती यह हो सकती है कि हम केवल एक या दो स्टॉक पर अपनी सारी पूंजी लगा दें। क्योंकि हमें वो स्टॉक बहुत अच्छे या विश्वसनीय लगते है। लेकिन दोस्तों यही एक दो स्टॉक नहीं चले तो आपका पूरा पैसा डूब भी सकता है। कई बार हम अपनी पोर्टफ़ोलियो में 40 से 50 स्टॉक भी खरीद लेते है, जबकि हमारी पूंजी या कैपिटल बहुत कम होता है, इससे हमें बहुत कम ही प्रॉफिट हो सकता है। जैसे आपने एक लाख का पोर्टफ़ोलियो बनाया तो उसमें सही से डायवर्सिफिकेशन, बैलेंस और वेटेज देते हुए 5 से 7 स्टॉक रख सकते है। दोस्तों अपने पोर्टफ़ोलियो में कितनी स्टॉक रखनी चाहिए ये एक अनुभव के बाद ही समझा जा सकता है| इसके लिए कोई आदर्श नहीं है| लेकिन फिर भी हमें बहुत कम या बहुत अधिक स्टॉक रखने से बचना चाहिए|

11. किसी के टिप्स में शेयर खरीदना
कई नये इन्वेस्टर किसी दोस्त या रिस्तेदार के कहने पर या किसी स्टॉक गुरु, ब्रोकर, ब्लॉगर या किसी यु ट्यूबर के कहने पर शेयर खरीद लेते है। शुरुवात में तो कुछ लाभ हो जाते है, मगर हमेशा लाभ नहीं हो सकता। इसलिए हमें स्वयं सीखकर, सोच समझकर और फण्डामेंटल व टेक्निकल एनालिसिस कर के शेयर खरीदना चाहिए।

12. अपना गोल तय नहीं करना
कई निवेशक किसी स्टॉक को कब खरीदना है या कब बेचना है, ये निर्धारित करके नहीं रखते है। इससे क्या होता है कि जब शेयर की प्राइस बढ़ रहा हो तो हम शेयर खरीद लेते है और जब शेयर गिर रहा हो तो डर में बेच देते है, अंत में हमें भारी नुकसान उठाना पड़ता है। इसलिए दोस्तों हमें शेयर ख़रीदते और बेचते समय सपोर्ट एन्ड रेजिस्टेंट भी देख लेना चाहिए और इसी के साथ कब शेयर खरीदना और बेचना है, इसके लिए भी हमे गोल सेट करके रखना चाहिए|

13. शेयर मार्केट को न समझना
कई लोग शेयर मार्केट में बिना जाने समझे निवेश करने लग जाते है, इससे उन्हें भारी नुकसान होता है। क्योंकि मार्केट का चढ़ना और गिरना कई कारणों पर निर्भर करता है। यदि इन कारणों को ठीक से जान ले, समझ ले तो नुकसान की जगह हमें अच्छा लाभ मिलेगा। किसी कंपनी की शेयर प्राइस का बढ़ना उसके बिज़नेस की प्रॉफिट पर निर्भर करता है और यदि शेयर प्राइस कम हो रही हो तो उस कंपनी की बिज़नेस में हानि या मैनेजमेंट संबंधी नेगेटिव न्यूज़ हो सकता है। इसलिए हमे शेयर मार्केट से संबंधित अपडेटेड न्यूज़ को भी देखना, पढना चाहिए साथ ही कंपनी के तिमाही और वार्षिक रिजल्ट पर भी ध्यान देना चाहिए|

14. अपने सभी पैसे को मार्केट में लगाना
कई ऐसे भी होते है, जो अपने सारे पैसे जो उनके आवश्यक दैनिक जीवन यापन के लिए हो, जैसे- गोल्ड, एफडी, सेविंग फण्ड या म्यूच्यूअल फण्ड को तोड़कर शेयर मार्केट में लगा देते है, जो कि बहुत बड़ी गलती है। याद रखे शेयर मार्केट जोखिम के अधीन है, इसलिए हमें अपने ऐसे पैसों को लगाना चाहिए, जिन्हें खो जाने के बाद भी हमें पछतावा या गम न हो।

15. कैल्कुलेटेड रिस्क न लेना
हमे हमेशा कैलकुलेटेड रिस्क ही लेना चाहिए, इससे हमें बड़ा नुकसान होने का खतरा कम होता है।यानी हमें रिस्क रिवार्ड रेशियों को सेट करके रखना चाहिए। जैसे हम शेयर ख़रीदते समय 1:3 का रिस्क रिवार्ड रेशियों सेट करके रखते है, यानी हमें उस शेयर पर यदि 1 प्रतिशत तक की हानि हो तो उसे बेच दे और 3 प्रतिशत तक की लाभ हो तो बेच दे, इससे हमें अंततः लाभ ही होगा। इस तरह हमें स्टॉप लॉस के साथ शेयर खरीदना चाहिए| यानि हमें निर्धारित हानि होने के बाद हमारा शेयर आटोमेटिक बिक जाए|

16. लांग टर्म के लिए निवेश नहीं करना
कई लोग शेयर को बार बार buy-sell, buy-sell, buy-sell करते रहते है। इससे क्या होता है? वे लॉन्ग टर्म तक किसी शेयर को होल्ड नहीं कर पाते है। 5 से 6 वर्ष के बाद उस शेयर प्राइस पर नजर डालते है, तो वो शेयर 20 से 30 गुने प्राइस पर ट्रेड कर रहे होते है। उसे बाद में पछतावा इसलिए होता है क्योंकि वे उस शेयर को कुछ समय होल्ड करके कुछ मुनाफा कमा के बेच दिए होते है। यदि वे उस शेयर को नहीं बेचते तो उन्हें आज बहुत अच्छा मुनाफा हो रहा होता| अधिकतर शेयर को लॉन्ग टर्म के लिए होल्ड किया जाए तो प्रॉफिट देने की प्रोबेबिलिटी या प्रायिकता अधिक होती है। इसलिए हमे शेयर को लॉन्ग टर्म के लिए होल्ड करना चाहिए।


आशा करता हूँ दोस्तों इस पोस्ट से आपको काफी कुछ सीखने के लिए मिला होगा| इससे रिलेटेड कोई भी सवाल हो तो कमेन्ट बॉक्स में जरुर लिखे| मैं आपके सवालों का जवाब जरुर देने का प्रयास करूँगा| 

धन्यवाद!

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