Active Income and Passive Income In Hindi

दोस्तों हम जॉब या बिजनेस क्यों करते है? क्योंकि सभी चाहते है कि अमीर बने और हमारी लाइफ स्टाइल अच्छी रहे। हमारी लाइफ में फैमिली के लिये समय और पैसे दोनों हो। अधिकतर लोग जॉब या बिजनेस से होने वाले केवल एक इनकम पर जीवन गुजारते है, इसलिए इनके सपने और इच्छाएं पूरा नहीं हो पाते है।


दोस्तों इस पोस्ट को पढ़कर आप जान पाएंगे कि Income कितने प्रकार के होते है? Active Income, Passive Income और Portfolio Income क्या है? Active Income और Passive Income के स्रोत कौन कौन से है? Active Income और Passive Income के फायदे और नुकसान क्या है? अधिकतर लोग अमीर क्यों नहीं बन पाते है?


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आप कहीं न कहीं सुनें और पढ़े होंगे कि हमें किसी एक इनकम पर निर्भर नहीं होना चाहिए, क्योंकि एक इनकम पर निर्भर रहना काफी रिस्की होता है। ज्यादातर गरीब और मिडिल क्लास के लोग केवल एक ही इनकम सोर्स पर निर्भर होते है, जैसे कोई जॉब से मिलने वाली सैलरी। जबकि अमीर लोगों के पास एक से अधिक इनकम के सोर्स होते है, इसीलिए अमीर और अधिक अमीर होते जाते है। जाने और अनजाने में गरीब लोग पैसे के लिये काम करते है, जबकि अमीर एक से अधिक इनकम सोर्स के लिए काम करते है और पैसों को काम पर लगा के पैसे कमाते है। आपने देखा होगा कि जितोड़ अधिक मेहनत करने वाले अधिकतर लोग जिंदगी भर काम करने के बाउजूद गरीब के गरीब रह जाते है, वे कभी अमीर नहीं बन पाते। इसका कारण है अधिकतर लोग पैसिव इनकम और एक्टिव इनकम के अंतर को समझ नहीं पाते है। Rich Dad Poor Dad के Author रॉबर्ट टी कियोसाकी कहते है कि "गरीब और मध्यवर्गीय लोग पैसे के लिये काम करते है, जबकि अमीर पैसे से अपने लिए काम कराते है।"


सबसे पहले हमें पैसे और इनकम के अंतर को समझना होगा। सामान्यतः जो भी हमारे पास पैसा आता है उसे इनकम मान लेते है, लेकिन सभी पैसा इनकम नहीं होता है। जैसे बैंक से लिये लोन के पैसे, किसी दोस्त या रिस्तेदार से लिये पैसे या लॉटरी में जीते पैसे। क्योंकि ये सभी पैसे की मिलने की संभावना निश्चित नहीं होती है और न कंसिस्टेंट होती है, इसलिए इसे इनकम नहीं मान सकते है। जबकि जॉब और बिजनेस से कमाया गया पैसा एक निश्चित समय में मिल ही जाता है और कंसिस्टेंट भी होता है।

आपने कई बार सुना होगा कि किसी के पास यदि लॉटरी या जमीन बेच कर बहुत पैसा आया, लेकिन कुछ समय बाद वह अपनी पुरानी स्थिति में आ जाते है, गरीब हो जाते है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि वह उन पैसों को सही से मैनेज नहीं कर पाया। अमीर लोगों के पास मनी मैनेजमेंट का स्कील्स होती है, इसलिए वे पैसों से पैसा बनाते है। आइये जाने आमदनी के प्रकार को...


आमदनी के प्रकार (Type of Income)

1. Active Income
2. Passive Income
3. Portfolio Income


Active Income क्या है?

90% से ज्यादा लोग active income से ही पैसे कमाते है और अपना घर चलाते है। अधिकतर लोग अपने मेहनत और समय के बदले ही कमाई करते है, जैसे कोई जॉब करते है, तो जॉब में उसे मेहनत और समय दोनों देने होते है, तभी उसे हर महीने सैलरी मिलती है या कोई बिजनेस करता है तो उसे उस बिजनेस में मेहनत और समय दोनों देने पड़ते है तभी उन्हे उस बिजनेस से प्रॉफिट होती है। इस तरह जॉब या बिजनेस से हुए कमाई को active income कहा जाता है। देखा जाय तो जॉब या बिजनेस में हमें समय, मेहनत और स्वयं सक्रिय हो कर काम करना पड़ता है, तभी हम पैसे कमा पाते है। active income के लिए हमें प्रत्यक्ष रूप से उपस्थित होकर काम करना पड़ता है। यदि किसी दिन बीमार पड़ जाये या नौकरी चली जाये तो हमारी इनकम पूरी तरह से बंद हो जाती है, यही एक्टिव इनकम सबसे बड़ी कमी या बुराई है। इसलिए एक्टिव इनकम से अमीर बनना लगभग असंभव है।


Active Income से फायदे

1. समय और मेहनत के बदले एक निश्चित सैलरी मिलती है।
2. रेगुलर इनकम यानी हर महीने इनकम मिलती है।
3. इस तरह का इनकम काफी सरल तरीके से कमा सकते है।
4. इस तरह के इनकम में रिस्क कम होते है।
5. इसमें कोई नौकर या स्टाफ की जरूरत नहीं पड़ती है।
6. एक्टिव इनकम के लिए स्वयं की ऑफिस की भी जरूरत नहीं पड़ती है।
7. इनकम के हिसाब से बजट बनाना भी सरल हो जाता है।


Active Income से नुकसान

1. ज्यादा मेहनत और समय देने के बाद भी कम इनकम हो सकती है।
2. काम करना बंद कर दे या बीमार हो जाये तो इनकम बन्द हो सकती है।
3. इस तरह के इनकम से अमीर बनना लगभग असंभव है।
4. एक्टिव इनकम में हम अपने मन मुताबिक सैलरी या आमदनी को बढ़ा नहीं सकते है।
5. इसमें हर दिन काम करना पड़ता है।
6. स्वयं और परिवार के लिए समय नहीं निकाल पाते है।
7. इसमें मालिक या बॉस की ऑर्डर फॉलो करना पड़ता है।
8. जब तक काम करेंगे तब तक ही आमदनी होती है।


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Passive Income क्या है?

क़ोई ऐसा काम या कोई सिस्टम जिसमें हमें कोई काम नहीं करना पड़े और रेगुलर इनकम होती रहे, इसे ही पैसिव इनकम या निष्क्रिय आय कहते है। जैसे किसी मकान को किराए से देने पर मिलने वाले रेंट इनकम एक पैसिव इनकम है, क्योंकि इसमें हमें कोई काम करने की जरूरत नहीं पड़ती है।

पैसिव इनकम में हमें प्रत्यक्ष रूप से उपस्थित होकर एक्टिवली काम नहीं करना पड़ता है। हालांकि शुरुवात में पैसिव इनकम के सोर्स बनाने में काफी मेहनत और समय देना पड़ सकता है। पैसिव इनकम के लिए आपके पास कोई स्किल, प्रोपर्टी, बिजनेस या इन्वेस्टमेंट होना चाहिए, तभी आप पैसिव इनकम जनरेट कर पायेंगे। जैसा कि हम मकान को रेंट में देकर पैसे कमा सकते है, लेकिन मकान खरीदने में बहुत ज्यादा पैसे की जरूरत पड़ती है, जिसके लिए ज्यादा मेहनत, समय और धैर्य की जरूरत पड़ती है

पैसिव इनकम के सोर्स तैयार करने के लिए हमें अपने करियर के शुरुवात में ही तैयारी करना चाहिए। इसके लिए हम अपने सैलरी या बिजनेस से होने वाले इनकम में से कुछ पैसा बचाकर उसे इन्वेस्ट करना सीख लेना चाहिए। शुरुवात में हम अपने बचाये हुए पैसों को FD, म्यूच्यूअल फंड्स, स्टॉक मार्केट में निवेश कर पैसे कमा सकते है। यहाँ से यदि बड़ा प्रॉफिट होता है तो उसे रियल स्टेट या बिजनेस आदि में निवेश कर एक बड़ा पैसिव इनकम सोर्स बना सकते है।

जॉब या बिजनेस के साथ साथ हमें अपने इंटरेस्ट या हॉबी के अनुसार कोई ऐसी स्किल सीख लेनी चाहिए, जिसे दूसरों को सीखा कर पैसे कमाया जा सके। हमें अपने लिये कोई ऐसा बिजनेस या सिस्टम क्रिएट करना चाहिए कि लाइफ टाइम इनकम होते रहें।

उदाहरण के लिए यदि आप एक डॉक्टर है तो अपने क्लीनिक या हॉस्पिटल में सुबह और शाम दोनों समय में ज्यादा से ज्यादा 50 से 100 मरीजों का उपचार कर पाएंगे और एक लिमिट में ही पैसे कमा पायेंगे, अब यदि एक दिन में आपके पास 300 से 500 मरीज आ जाये तो आप चाह कर भी इलाज नहीं कर पाएंगे और न ही अधिक पैसे कमा पाओगे। लेकिन यदि आप अपने हॉस्पिटल या क्लीनिक में 7 से 10 डॉक्टरों को पैसे या सैलरी देकर हायर करेंगे तो आप एक दिन में 500 से भी अधिक मरीजों का इलाज कर पायेंगे और अधिक से अधिक पैसे कमा सकते है। इसी तरह आप अपने लिये कुछ नया सिस्टम तैयार कर सकते है, जिससे कम समय में और कम मेहनत करके अधिक कमाया जा सके।


क्यों जरूरी है पैसिव इनकम?

आप सभी जानते है कि हमारा भविष्य अनिश्चित है, यानी किसी दिन हमारी नौकरी चली जाये, बिजनेस बंद हो जाये, हम बीमार या बूढ़े हो जाये तो हमारी इनकम बंद हो सकती है। तब हम आगे की लाइफ को कैसे सर्वाइव कर पायेंगे। इसलिए हमें अपने करियर के शुरुवाती दिनों में ही पैसिव इनकम के सोर्स बनाना चालू कर देनी चाहिए। हालांकि इसमें बहुत समय, मेहनत और धैर्य लगता है, लेकिन इससे हमारी लाइफ रिटायरमेंट के बाद सिक्योर हो जायेंगे। आज तक जाने या अनजाने में जितने भी अमीर बने है वे पैसिव इनकम के जरिये ही बने है, न कि एक्टिव इनकम से।

पुराने समय मे पैसिव इनकम के बहुत कम सोर्स थे, लेकिन अब बहुत सारे टेक्नोलॉजी आने से, जैसे बिजनेस ऑनलाइन होने से पैसिव इनकम के सोर्स बढ़ गये है। पैसिव इनकम को यहाँ ऑफलाइन और ऑनलाइन के आधार पर वर्गीकरण कर रहे है।


Offline Passive Income Source

1. रियल स्टेट: मकान, शॉप, ऑफिस, गोदाम, एग्रीकल्चर लैंड आदि से मिलने वाला रेंट।
2. बौद्धिक संपदा: बुक्स, संगीत, कला, पेटेंट आदि से मिलने वाली रायल्टी।
4. नेटवर्क बिजनेस से मिलने वाला कमीशन।
5. बिजनेस की फ्रेंचाइजी से इनकम।
6. LIC से मिलने वाला कमीशन।


Online Passive Income Source

1. यूट्यूब वीडियो चैनल से
2. ब्लॉग से
3. मोबाइल एप्प या सॉफ्टवेयर बेचकर
4. ई-बुक बनाकर
5. एफिलिएट मार्केट से
6. ऑनलाइन कोर्स से
7. सब्सक्रिप्शन वाला सर्विस शुरू कर
8. कंटेंट राइटिंग से
9. ऑनलाइन फोटो बेचकर
10. ऑनलाइन आर्ट वर्क और डिज़ाइन बेचकर


Passive Income के फायदे

1. कोई काम नहीं करना पड़ता या बहुत कम काम करने की जरूरत पड़ती है।
2. 24×7 दिन इनकम यानी 24 घंटे और 7 सातों दिन इनकम हो सकती है।
3. इनकम की कोई सीमा नहीं है।
4. कम काम, कम समय और ज्यादा इनकम हो सकती है।
5. आपके पास समय और पैसा दोनों होते है, इसलिए आप कहीं भी आ जा सकते है।
6. इसमें अपनी आमदनी को बढ़ा सकते है।
7. इसमें कोई बॉस या मालिक का ऑर्डर फॉलो नहीं करना पड़ता है, आप स्वयं ही मालिक या बॉस होते है।
8. इसमें आप स्वयं काम नहीं करते है बल्कि आपके पैसा आपके लिए काम करता है।
9. आपकी लाइफ में पूरी आजादी होती है। आपकी लाइफ पूरी तरह फाइनेंसियल सिक्योर हो जाती है।



Passive Income के नुकसान

1. पैसिव इनकम के लिए प्रारंभ में पैसे निवेश करना पड़ता है।
2. कोई नई स्कील सीखना पड़ सकता है।
3. काफी समय और मेहनत करना पड़ सकता है।
4. धैर्य की जरूरत होती है, एकदम से हम पैसिव इनकम जनरेट नहीं कर सकते है।
5. इसमें कोई बिज़नेस, स्किल्स, इन्वेस्टमेंट या कोई ऐसा सिस्टम क्रिएट करना पड़ता है, जिससे हमें इनकम हो। जो कि इतना आसान भी नहीं है।
6. इसमें वर्कर की टीम, ऑफिस आदि भी जरूरत पड़ती है। जिसके लिये काफी पैसे की जरूरत पड़ती है।


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Portfolio Income क्या है?

विभिन्न प्रकार के सिक्योरिटीज (जैसे- शेयर्स, म्यूच्यूअल फंड्स के यूनिट, बांड्स, डिबेंचर्स, क्रिप्टो करेंसी आदि) में निवेश के समूह को पोर्टफोलियो कहते है और इनसे होने वाले इनकम को पोर्टफोलियो इनकम कहते है।

स्टॉक मार्केट, म्यूच्यूअल फंड्स, FD, बांड्स, डिबेंचर्स, क्रिप्टो करेंसी आदि में निवेश कर भी पैसिव इनकम जनरेट कर सकते है। स्टॉक मार्केट में कई कंपनियां और कुछ म्यूच्यूअल फण्ड हर साल डिविडेंड देती है, जो कि टैक्स फ्री होती है और साथ ही साथ हर साल आपके पोर्टफोलियो की वैल्यू भी बढ़ सकती है। स्टॉक्स से मिले डिविडेंड, बैंक से मिलने वाला इंटरेस्ट एक पैसिव इनकम है, क्योंकि इसमें भी मेहनत की जरूरत नहीं पड़ती है।

जब हम पोर्टफोलियो के किसी सिक्योरिटीज को बेचते है, तो हमें जो इनकम या प्रॉफिट मिलती है, उसे Capital Gain कहते है, इस पर हमें टैक्स भी देना पड़ता है। दुनिया के अमीर व्यक्ति में से एक वॉरेन बफ़ेट स्टॉक मार्केट में निवेश कर ही अमीर बने है। इंडिया में भी राकेश झुनझुनवाला का नाम कौन नहीं जानते।


उम्मीद है दोस्तों Active Income & Passive Income In Hindi पोस्ट से एक्टिव इनकम, पैसिव इनकम और पोर्टफोलियो इनकम का Concept आसानी से समझ आया होगा।
धन्यवाद!

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