दोस्तों यदि कोई आपसे कहता है कि किसी दो कंपनी की करेंट शेयर प्राइस देखकर ये पता लगायें कि कौन सी कंपनी बड़ी है? जैसे:
MRF Ltd की करेंट मार्केट शेयर प्राइस = 65,300 रुपये
TCS Ltd शेयर की करेंट मार्केट प्राइस = 3,525 रुपये
(25 Feb. 2022 की स्थिति में)
यदि आपको लगता है कि MRF बड़ी कंपनी है, क्योंकि इसके शेयर प्राइस TCS से बहुत ज्यादा है, तो यह आर्टिकल आपको पूरी पढ़नी चाहिए। हम कोई शेयर प्राइस के बेसिस पर कंपनी की साइज़ को डिसाइड नहीं कर सकते है। इसके लिए हमें मार्केट कैप (Market Cap) के कॉन्सेप्ट को समझना होगा।
मार्केट कैप (Market Cap) क्या है?
मार्केट कैप (Market Cap) को Market Capitalization या बाजार पूंजीकरण भी कहते है। किसी कंपनी की बाजार में मौजूद शेयर्स की कुल मार्केट वैल्यू को उस कंपनी का मार्केट कैप कहते है। मार्केट कैप किसी कंपनी की साइज और उसके टोटल वैल्यू को दर्शाते हैं। इसे कैलकुलेट करने के लिए कंपनी के Total No of Outstanding Shares को Current Market Price प्रति शेयर से गुणा करके निकाल सकते है।
Formula:
Market Cap = Total No of Outstanding Shares*Current Market Price Per Share
जहाँ,
Total No of Outstanding Shares: ऐसे शेयर्स जो कंपनी के स्टॉक होल्डर्स और उसके ऑफिसर्स होल्ड करते हो। इसमें कंपनी के Owners के शेयर्स को शामिल नहीं किया जाता है।
Current Market Price Per Share: मार्केट में उस शेयर्स की वर्तमान में कीमत या मूल्य।
मान लीजिए कि एक कंपनी AB Ltd के Total No of Outstanding Shares = 5 लाख है और Current Market Price = 1000 रुपये प्रति शेयर है, तब कंपनी AB Ltd की Market Cap = 5 lakhs*1000 = Rs. 50 करोड़ होगी।
अब हम अपने पिछले सवाल के जवाब / हल आसानी से ज्ञात कर सकते है।
TCS Ltd की मार्केट कैप:
Total No of Outstanding Shares = Rs. 370 Crores
Current Market Price = Rs. 3,525 per share
Market Cap = 370 Crores*3,525 = 13,04,250 Crores
(25 Feb. 2022 की स्थिति में)
इसी तरह MRF Ltd की मार्केट कैप:
Total No of Outstanding Shares = Rs. 4 Crores
Current Market Price = Rs. 65,300 per share
Market Cap = 4 Crores*65,300 = 2,61,200 Crores
(25 Feb. 2022 की स्थिति में)
ऊपर कैलकुलेशन से स्पष्ट है कि TCS Ltd की मार्केट कैप, MRF Ltd की मार्केट कैप से अधिक है। यानी TCS Ltd बड़ी है MRF Ltd से। इस तरह से हमें पता चलता है कि किसी कंपनी की शेयर प्राइस देखकर उसकी साइज नहीं बता सकते है। यानी मार्केट कैप से ही कंपनी की साइज बता सकते है।
मार्केट कैप के आधार पर कंपनी मुख्यतः तीन प्रकार के होते है:
1. लार्ज कैप (Large Cap)
2. मिड कैप (Mid Cap)
3. स्माल कैप (Small Cap)
लार्ज कैप (Large Cap):
ऐसी कंपनी जिनकी मार्केट कैप 20,000 करोड़ से अधिक हो, उसे लार्ज कैप कहते है। इसे Blue Chip Company भी कहा जाता है। SEBI द्वारा 6 Oct 2017 को जारी एक निर्देश अनुसार स्टॉक एक्सचेंज (BSE और NSE दोनों में) शुरुवात की 100 नंबर्स तक की लिस्टेड कंपनियां लार्ज कैप की कैटेगरी में रखा गया है।
जैसे: Reliance, HDFC, TCS, ITC, ICICI Bank आदि।
लार्ज कैप कंपनियां काफी स्टेबल होते है। ऐसी कंपनियों में निवेश करना कम रिस्की होता है, लेकिन इसमें प्रॉफिट भी कम ही होता है। लॉन्ग टर्म के हिसाब से इनमें निवेश करना अच्छा माना जाता है।
मिड कैप (Mid Cap):
ऐसी कंपनी जिनकी मार्केट कैप 5,000 करोड़ से 20,000 करोड़ तक हो, उसे मिड कैप कहते है। SEBI के नियमानुसार स्टॉक एक्सचेंज (BSE और NSE दोनों में) 101 कंपनियों से 250 नंबर्स तक की लिस्टेड कंपनियां मिड कैप की कैटेगरी में रखा गया है।
जैसे: Aarti Ind, Bhel, Glenmark, Hind Zinc, LIC Housing Fin, Tata Elxi आदि।
मिड कैप कंपनियों में Volatility अधिक होती है। इन कंपनियों में निवेश की दृष्टि से रिस्क और रिटर्न लार्ज कैप कंपनियों से अधिक होता है। ये कंपनियां कुछ सालों में लार्ज कैप कंपनी बनने की संभावना भी होती है।
स्माल कैप (Small Cap):
ऐसी कंपनी जिनकी मार्केट कैप 5,000 करोड़ से कम हो, उसे स्माल कैप कहते है। SEBI के नियमानुसार स्टॉक एक्सचेंज (BSE और NSE दोनों में) 250 नंबर्स के बाद की लिस्टेड कंपनियां स्माल कैप की कैटेगरी में रखा गया है। शेयर मार्केट में कुल लिस्टेड कंपनियों के 80% से 90% स्टॉक्स या शेयर्स स्माल कैप कंपनियां है।
जैसे: Affle India, CDSL, Birlasoft, NALCO, MCX India, UTI AMC आदि।
स्माल कैप कंपनियां ग्रोथ और वोलैटिलिटी की संभावना मिड कैप और लार्ज कैप कंपनी से काफी अधिक होती है। इसलिए ये कंपनियां हाई रिस्की और हाई रिटर्न वाले होते है। ऐसी कंपनियों की शेयर प्राइस काफी कम भी होते है, जिसके कारण रिटेल इन्वेस्टर इसकी तरफ ज्यादा आकर्षित होते है।
स्टॉक मार्केट में कंपनियों के ग्रोथ और पोटेंशियल के हिसाब से शेयर प्राइस समय के साथ कम या ज्यादा होते रहते है। जिसके कारण कंपनियों के मार्केट कैप में भी बदलाव होते रहते है। यानी कंपनी स्माल कैप, मिड कैप और लार्ज कैप कैटेगरी से गुजरता है। हरेक लार्ज कंपनी पहले मिड कैप और स्माल कैप कम्पनी ही थी। लेकिन ये जरूरी नहीं कि हरेक स्माल कैप कंपनी फ्यूचर में मिडकैप या लार्ज कैप कंपनी बनेगी।
कुछ शेयर्स मार्केट एक्सपर्ट मार्केट कैप को तीन अन्य केटेगरी में डिवाइड करते है:
1. मेगा कैप (Mega Cap): वे कम्पनियां जिनके मार्केट कैप 20,000 करोड से अधिक हो।
2. माइक्रो कैप (Micro Cap): वे कम्पनियां जिनके मार्केट कैप 500 से 1,000 करोड़ के बीच हो।
3. नैनो कैप (Nano Cap): वे कम्पनियां जिनके मार्केट कैप 500 करोड से कम हो। ये स्टार्टअप कंपनियां होती है, अभी अभी मार्केट में लिस्ट हुए हो सकते है। ये बहुत ही छोटी कंपनी होती है।
दोस्तों आशा करता हूँ कि आपको Market Cap क्या है? Large Cap, Mid Cap और Small Cap कंपनियां क्या है? समझ आया होगा। इससे रिलेटेड कोई सवाल हो तो कंमेंट बॉक्स में जरूर लिखे।
धन्यवाद!