आप सभी जानते है कि पैसा या धन स्वतंत्रता है। पैसों से ही सांसारिक सफलता का आकलन किया जाता है। एक कहावत तो सभी ने सुने होंगे कि "पैसा भगवान तो नहीं है, पर भगवान से कम भी नहीं है।" पैसों से दुनियां की सभी जरूरते, सपने और इच्छाओं को पूरा किया जा सकता है। पैसा या धन उन्ही लोगों के पास आसानी से आता है, जो इसे हासिल करने के नियम को जानता है। लेकिन पैसा ठहरता उसी के पास है, जिसके पास मनी मैनेजमेंट की ज्ञान हो और अच्छी आदतें हो, जो पैसों को समय के साथ ग्रो कर सकें।
हमें पैसा या धन को केवल खरीदारी करने का कागज का टुकड़ा नहीं समझना चाहिए, बल्कि इसे एक संसाधन या टूल्स की तरह समझना चाहिए, जिससे हम बहुत सारे काम करवा सके। पैसे के बारे में रिच डैड पुअर डैड के ऑथर रॉबर्ट कियोसाकी लिखते है कि "गरीब और मध्यमवर्गीय लोग पैसे के लिए काम करते है, जबकि अमीर लोग पैसे से काम करते है।"
चूंकि आप इस आर्टिकल को पढ़ रहे हैं, हम मानते हैं कि आप निश्चित रूप से सफल और अमीर बनने के इच्छुक लोगों में से एक हैं। दोस्तों इस आर्टिकल में हम जानेंगे ऐसी 9 लेसन (lessons) जिसकी समझ आपको अमीर और सफल बनायेंगे। इसे पढ़कर आप अपनी लाइफ में अमीर बनने के साथ साथ अपने कैरियर, हैल्थ और रिलेशनशिप जैसे क्षेत्रों में भी सफलता प्राप्त कर सकते है। तो चलिए बिना देरी किये शुरू करते है।
1. गोल्स या लक्ष्य बनाना (Set Goals)
यदि हमें कहाँ जाना है? ये पता नहीं है तो हम किसी भी रास्ते में जाते जाएंगे, चलते ही जायेंगे और हम कहीं भी पहुंच जायेंगे, जिसका कोई मतलब नहीं होगा। इसलिए हमें सबसे पहले अपना गोल सेट करना चाहिए।
अक्सर देखा गया है कि गरीब लोगों के पास कोई गोल या लक्ष्य नहीं होता है, बस वे ऐसे ही समय और हालात के अनुसार चलते रहते है। जबकि दूसरी तरफ अमीर मानसिकता वाले लोग हमेशा गोल या लक्ष्य केंद्रित होते है। वे उस गोल को पाने के लिए हर दिन अपना पूरा ध्यान केंद्रित करते है।
गोल्स के बिना लाइफ जीना ऐसा ही जैसे कि घने कोहरे में कार चलाना है। चाहे आपकी कार कितनी मंहगी हो और चाहे सड़क भी कितनी बढ़िया हो, आप कार धीरे-धीरे ही चलायेंगे, बिना आत्मविश्वास के और डरते हुए। जब आप एक गोल या लक्ष्य बना लेते है और उसके लिए प्लानिंग करते है तो घने कोहरे छंट जाते है। सड़के साफ दिखाई देते है और साथ ही पूरे आत्मविश्वास के साथ उस गोल को पूरा करने में लग जाते है। आपकी कार की रफ्तार तेज हो जाता है यानी अपनी समस्त योग्यता और ऊर्जा को पूरे जोर से उस गोल्स को पाने के लिए लगा देते है।
गोल्स कई प्रकार के हो सकते है, उदाहरण के लिए हेल्थ में आप वजन कम करने के लिए सेट कर सकते है, इसी तरह कैरियर और रिलेशनशिप में भी गोल सेट किया जा सकता है। हम यहाँ वित्तीय गोल्स के बारे में ही बात करेंगे। हम इसे समय अवधि के हिसाब से बांट सकते है, जैसे लॉन्ग टर्म में नया घर खरीदना या बच्चों का हायर एजुकेशन आदि हो सकते है; मिड टर्म गोल में कार या अन्य कोई हो सकता है और इसी तरह शॉर्ट टर्म गोल्स को भी सेट कर सकते है। आप अपने गोल्स महीने, साप्ताहिक, दिन या घंटों के हिसाब से भी बना सकते है।
आप यदि गोल सेट करते है तो जल्दी ही वित्तीय रूप से स्वतंत्र और अमीर बन सकते है। ध्यान रहे जब आप बड़े गोल सेट करते है तो उसे छोटे-छोटे गोल्स में बांटना चाहिए तभी आपके मुख्य गोल को जल्दी प्राप्त करने की संभावना बढ़ जाता है। आमतौर पर लोग ऐसे गोल या लक्ष्य बना लेते है कि उसे समय पर अचीव नहीं कर पाते है, जिससे वे हतोत्साहित और उदास हो जाते है या फिर इतना छोटा गोल सेट करते है कि इसे बनाने की भी जरूरत नहीं था।
गोल्स हमेशा स्पष्ट, लिखित, मापने योग्य और समयबद्ध होना चाहिए। तभी इसे प्राप्त करने में आसानी होता है। यदि गोल्स स्पष्ट है तो आपको पता होता है कि क्या करना है? कहाँ जाना है? कैसे हासिल करना है? यदि आपका गोल घर आकर टीवी देखना है, तो लगभग इसे पा लेंगे। ठीक इसी प्रकार लाइफ में आपका गोल्स अच्छा स्वास्थ्य, अच्छा कैरियर, धन, खुशी आदि पाना चाहते है तो आप इसे पा सकते है।
गोल सेट करने के बाद हमारा अगला कदम उस गोल को अचीव करने के लिए प्लानिंग करना होता है। इसके लिए हमें प्लानिंग कई प्रकार से करना होता होता है, जैसे हमारा एक प्लान फैल या असफल हो जाये तो हमारा दूसरा प्लान वक्त पर काम आये और यदि दूसरा भी फैल हो जाये तो हमें तीसरा प्लान भी बनाकर रखना चाहिए। तभी हम किसी काम को अच्छे कर पायेंगे और समय पर हमारा लक्ष्य पूरा हो जायेगा।
2. हमेशा सीखते रहना और किताबे पढ़ना (Always Learning & Reading Books)
यहां ज्यादातर लोग क्या करते हैं, वे स्कूल, कॉलेज या यूनिवर्सिटी में एजुकेशन पूरा कर लेते हैं। कॉलेज या यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट होते हैं, नौकरी ढूंढते हैं और यह सीखने का अंत है। दरअसल कुछ लोग स्कूल या कॉलेज से बाहर होने के बाद एक भी किताब नहीं पढ़ते हैं, इसलिए वे सीख नहीं पाते है, यही वजह है कि ज्यादातर लोग सफल नहीं हो पाते हैं। जबकि सफल लोग महीनें में 4 या 5 किताबें पढ़ लेते है।
स्वयं को मोटिवेट करने और नई नई चीजें सीखने के लिए हमें किताबें जरूर पढ़ना चाहिए। किताबें विविध विषय के हो सकते है, जैसे मोटिवेशनल, रिलेशनशिप, फाइनेंसियल संबंधी किताबें। आमतौर पर एक युवा प्रेम और रिलेशनशिप आधारित पुस्तकें, व्यापारी व्यापार संबंधी पुस्तकें और वृद्ध धार्मिक और स्वास्थ्य संबंधी पुस्तकें पढ़ना पसन्द करते है।
धन के निर्माण की कुंजी अवसर का लाभ उठाना है, ऐसा करने का एकमात्र तरीका है कि किसी चीज की गहरी समझ हो या दुनिया की व्यापक समझ हो। उदाहरण के लिए दस साल पहले क्रिप्टोकरेंसी कोई चीज नहीं थी, लेकिन आज इसकी कीमत लाखों रूपये है। आज जो लोग इससे लाभ कमा रहे हैं, ये वे लोग हैं जो इस उद्योग को समझने में 10 साल पहले अपना प्रयास और समय लगाये हैं।
ये है सच है कि अमीर अपने मूल्य में लगातार सुधार का अर्थ जानते हैं, वे समय के प्रति बहुत सचेत होते हैं और इसलिए वे अपने दिन में जो कुछ भी करते हैं वह मूल्यवान और सार्थक होता है।
अमीर लोग अपने कौशल और ज्ञान से अच्छी तरह वाकिफ होते हैं, वे उन सीमाओं को भी जानते हैं जो उनके पास हैं और वे किसमें अच्छे नहीं हैं। यह आत्म-जागरूकता वे खुद को बेहतर बनाने और नये तरीके खोजने और यहां तक कि एक संरक्षक और मूल्य की मदद लेने के लिए प्रेरित करती है। वे पेशेवरों द्वारा दी गई उनकी राय और सलाह को अपनाते है।
सफल और अमीर लोग मुद्दों के बारे में शिकायत करने वाले व्यक्ति नहीं होते हैं बल्कि वह उन समस्याओं के समाधान खोजने में विश्वास करते हैं।
सफल लोग स्व-प्रेरित होते हैं और खुद को बेहतर बनाए रखने के लिए बाहरी प्रेरणा की आवश्यकता नहीं होता है। वे यह स्वीकार करने से नहीं डरते हैं कि वह कुछ नहीं जानते हैं और जरूरत पड़ने पर मार्गदर्शन मांगने के लिए विनम्र होते हैं।
सफल लोग हमेशा एक व्यक्ति के रूप में बेहतर होने और बाजार में बेहतर बनने के तरीके खोजते हैं। वे उन सभी संसाधनों का उपयोग करते हैं जो उनके पास उपलब्ध हैं। वे अपने दोस्तों के साथ पार्टी करने और नशे में अपना समय बर्बाद नहीं करते हैं।
सफल और अमीर लोग समय के अनुसार नई नई स्किल्स सीखते रहते है, जिससे कि समय के साथ आगे बढ़ सके और अपने आप को अपडेट रख पाये। जैसे- कम्युनिकेशन स्किल, पर्सनल डेवलोपमेन्ट, बिज़नेस स्किल, कंप्यूटर स्किल, कोडिंग स्किल आदि।
सफल लोग अपनी गलती से सबक लेकर सीखते रहते है। केवल खुद गलती करके सीखने से तो हमारी आयु भी कम पड़ जायेगा और न ही सब कुछ सीखा जा सकता। इसलिए हमें दूसरों की गलतियों से भी सबक लेकर सीखना चाहिए।
अगर आपको पुस्तकें पढ़ना और नई चीजें सीखना पसंद है, तो आप सही रास्ते पर हैं। बुक्स, ब्लॉग, आर्टिकल या ऐसी कोई भी चीज़ पढ़े जो खुद को बेहतर बना सके और प्रेरित भी कर सके।
3. अच्छे दोस्त बनाना (Make Good Friends)
अकेले हम ज्यादा सफल नहीं हो सकते है। मनुष्य सामाजिक प्राणी हैं और धन का निर्माण करने का सबसे तेज़ तरीका मूल्यवान संबंध रखना और बनाना है। यदि आपके पास एक व्यावसायिक विचार है और आप किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जो उसमें निवेश करने के लिए तैयार है। तो बधाई हो! आपने एक अवसर को वास्तविक भौतिक संपत्ति में बदल दिया है। नेटवर्किंग इवेंट्स में जाएं, ऐसे लोगों से मिलिए जो अच्छे और प्रतिभाशाली भी हों।
अधिकांश लोगों के पास 4 या 5 दोस्त होते हैं जिनके साथ वे अपना पूरा समय बिताते हैं और कल्पना करते हैं कि बाकी दुनिया भी वैसी ही है, लेकिन ऐसा नहीं है, दुनिया अच्छे और प्रतिभाशाली लोगों से भरी हुई है जो आपके जीवन में महान मूल्य जोड़ सकते हैं। आप जितने अधिक लोगों से मिलेंगे और संबंध बनाएंगे तो आपकी सफलता की संभावना उतनी ही अधिक होगी। क्योंकि आप उनके साथ सीख सकते हैं और विचारों को साझा कर सकते हैं।
अगर आप फालतू समय बर्बाद करने वाले, अधिक पार्टी करने वाले और फ़िजूल खर्च करने वालों के साथ दोस्ती रखेंगे तो आप भी जाने अनजाने में उनके बुरे आदतों को फॉलो करने लग जाएंगे। इससे आपके टाइम, एनर्जी और रिसोर्सेज व्यर्थ में नष्ट हो जायेगा। इसलिए हमें दोस्तों का चयन बहुत ही सावधानी से करना चाहिए।
दोस्तों जैसे आदतों के कारण हम बुरे लोगों के साथ रहकर बुरे बन सकते है और अच्छे लोगों के साथ रहकर अच्छे बन सकते है ठीक उसी प्रकार हम अमीर लोगों की आदतों को फॉलो करके अमीर बना जा सकता है। भले ही अमीर और सफल लोगों से दोस्ती न कर पाये, लेकिन उनकी लिखी हुई पुस्तकें पढ़कर हम उनके थॉट से बहुत कुछ सीख सकते है।
4. "ना" कहना (Say "No")
"ना" कहना भले ही थोड़ा अटपटा या नेगेटिव शब्द लगता है, लेकिन यह आपके टाइम और एनर्जी को बचा सकता है। यह एक मुख्य कारण है जिसकी वजह से कुछ लोग जीवन में सफल होते हैं और अन्य नहीं। अक्सर बहुत से लोग अपने दोस्त या रिस्तेदारों की निवेदन या आग्रह को न कहने से डरते है, कि कहीं वे उनसे नाराज या गुस्सा न हो जाये। यहाँ पर यह मतलब भी नहीं है कि कभी किसी की मदद नहीं करनी चाहिए या आपको कंजूस होना चाहिए। लेकिन आपको खुद को पहली प्राथमिकता देनी होगी। आम तौर पर जो होता है वह यह है कि हमेशा अपना टाइम और संसाधन (Resources) को दूसरों के साथ साझा करने से, आपके प्लानिंग या प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए पर्याप्त टाइम, एनर्जी और रिसोर्सेज नहीं होंगे जो आपको आर्थिक रूप से सफल बनाएंगे।
आर्थिक रूप से सफल होने के लिए टाइम, एनर्जी और रिसोर्सेस की आवश्यकता होती है और इन्हें उन प्लानिंग या प्रोजेक्ट में निवेश करने की आवश्यकता होती है जो आपको सफल बनाये। आप उस बीज को नहीं खाते या बांटते जिसे आप बोना चाहते हैं। यदि आप ऐसा करते हैं, तो आपको भविष्य में फसल या सफलता नहीं मिलेगी। अपनी वित्तीय यात्रा की शुरुआत में अपने प्रोजेक्ट पर अधिक ध्यान देना आपके लिए सबसे अच्छा है। हालांकि यहां कुछ महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां भी हैं जैसे पति या पत्नी, बच्चे, वृद्ध माता-पिता को अनदेखा नहीं किया जा सकता है।
सफलता की कुंजी सब कुछ करना नहीं है, बल्कि एक चीज पर ध्यान केंद्रित करना है। जैसे अगर आपको कुछ लिखना है तो टीवी, मोबाइल को न कहना होगा, वजन कम करना है तो शक्कर को न कहना हो, स्वस्थ रहना है तो धूम्रपान और शराब को न कहना होगा।
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप क्या करते हैं या आप कितने अच्छे व्यक्ति हैं। आपके पास दिन में 24 घंटे से अधिक नहीं होने वाला है। आपके पास एक विकल्प है कि आप उस 24 घंटे को उन चीजों पर खर्च करें जो आपको सफल और अमीर बनाने में मदद करे। यदि आपको आर्थिक रूप से सफल होना है तो "ना" कहना आना ही चाहिए।
5. अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देना (Take Care of Your Health)
दोस्तों आप सभी जानते है कि "Health is Wealth" अर्थात स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है। अगर हम स्वस्थ नहीं है, तो दुनियां के सारी सुख-सुविधाएं बेकार है। हम इसे तभी आनंद ले सकते है, जब हम पूरी तरह स्वस्थ और फिट हो। इसलिए हमें अपने स्वास्थ्य पर हर दिन ध्यान देना चाहिए।
सफल और अमीर लोगों में यह भी आदत होती है कि वे अपने काम के साथ साथ अपने हैल्थ का भी अच्छे से ख्याल रखते है। अच्छा खान पान और रोजाना व्यायाम व योग को अमीर लोग जरूर अपनाते है। इस वजह से वे अच्छे फिट होते है और अपने काम पर भी अच्छे से फोकस कर पाते है।
असफल लोगों में धूम्रपान, शराब पीने, दिन में लंबे समय तक टीवी देखने और ड्रग्स करने जैसी घटिया आदतें होती हैं। ये नशे की आदत हमारे मानसिक और शारीरीक स्वास्थ्य के साथ-साथ हमारे आर्थिक और पारिवारिक संबंध में भी बहुत बुरा असर डालते है। इसलिए हमें नशे से दूर रहना चाहिए।
6. आमदनी से बहुत कम खर्च करना (Spend Less Than Income)
यदि आप कभी भी आर्थिक रूप से सफल होना चाहते हैं तो आपको अपनी आमदनी से कम खर्च करने की आदत होना चाहिए। आपको पता होना चाहिए कि कैसे हम कम पैसों या संसाधनों से अच्छे से जीवन यापन कर सकते है। यानी हम जितना कमाते हैं उससे बहुत कम खर्च करना है। ये थोड़ा कठिन जरूर लगता है, क्योंकि सीमाओं के भीतर रहने के लिए बहुत अधिक अनुशासन की आवश्यकता होती है। आपको इस बात की स्पष्ट समझ होना चाहिए कि आपकी ज़रूरतें और इच्छाएँ क्या हैं? दोनों के बीच अंतर क्या है? और आपको किसे प्राथमिकता देनी चाहिए।
यदि आप पैसे का दिखावा करने और उन चीजों पर पैसा बर्बाद करने में विश्वास नहीं करते है, जो आपके जीवन में मूल्य नहीं लाते हैं। आप इस तथ्य से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि ये चीजें सतही हैं और आप 'लोगों को खुश करने वाले' नहीं हैं। आप हर छोटी-छोटी विलासिता में लिप्त हुए बिना अपने लक्ष्यों को निर्धारित करने और प्राप्त करने के लिए जीते हैं। तो इस तरह से आप अपनी आमदनी से बहुत कम खर्च करने की आदत है, तो आप निश्चित रूप से वित्तीय सफलता की ओर बढ़ रहे हैं।
7. बचत से ज्यादा पैसे कमाने पर फोकस करना (Focus on making more money than saving)
पैसा बचाना और निवेश करना वित्तीय स्वतंत्रता की कुंजी है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितना पैसा कमाते हैं। यदि आप अपनी कमाई को पूरा खर्च कर देते हैं तो आप निवेश और धन का निर्माण नहीं कर पाएंगे। लेकिन कुछ लोग पैसे बचाने पर इतने केंद्रित होते हैं कि वे भूल जाते हैं उनको अपनी इनकम बढ़ाने में फोकस करना है।
वे खुद को शिक्षित करने और लाखों करोड़ों रुपये कमाने के अवसर को खोजने के बजाय 10000 रुपये के मोबाइल को 9500 रुपये में खरीदने के लिए अमेज़न या फ्लिपकार्ट में घंटों बिताते हैं।
आप कितना बचा सकते हैं इसकी एक सीमा है क्योंकि हर दिन आपको भोजन, दैनिक उपयोग की चीजें, दवाईयां, बिजली, राशन, ईंधन, मनोरंजन आदि खर्च को रोक नहीं सकते है। जितना चाहें उतना बचत करें लेकिन इनकम के विभिन्न स्रोतों के निर्माण पर अधिक ध्यान दें। यदि आप एक क्षेत्र में चरम पर पहुंच गए हैं, तो दूसरे विकल्प या व्यवसाय पर ध्यान केंद्रित करें और आगे बढ़ें। आज दुनिया के सभी सफल और अमीर लोगों के पास आय के एक से अधिक स्रोत होते है। तभी वे और अमीर होते जा रहे है। यदि आप यह कर रहे है तो आप सफल और अमीर बनने की राह पर हैं।
8. आमदनी से ज्यादा नेट वर्थ पर फोकस करना (Focus on Net Worth more than Income)
यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण लेकिन बेतहाशा अनदेखी अवधारणा है। जब एलोन मस्क, जेफ बेजोस, बिल गेट्स या जैक डोरसी की आय के बारे में पूछा जाय, तो आप सटीक उत्तर नहीं दे पाएंगे। यदि आप इनके जीवन का अध्ययन करेंगे, तो आप पाएंगे कि कोई भी वास्तव में उनकी आय के बारे में बात नहीं करते है, बल्कि उनकी नेटवर्थ की बात करते है। सबसे महत्वपूर्ण नेटवर्थ होता है न कि आय। उदाहरण के लिए अमेज़ॅन के सीईओ जेफ बेजोस की कुल संपत्ति लगभग $ 200 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है, फिर भी वर्ष उनकी वार्षिक आय केवल $ 81,840 (2020 में याहू फाइनेंस के अनुसार) के आसपास निर्धारित की गई थी।
अक्सर लोग अपनी कमाई पर इतना अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं, जबकि नेटवर्थ को इग्नोर करते है। इनकम से अधिक हमें अपनी नेटवर्थ पर फोकस करना चाहिए। नेटवर्थ आपकी कुल संपत्ति को दर्शातें है। यदि आप ऐसे व्यक्ति हैं जो आय से अधिक नेटवर्थ को महत्व देते हैं, तो आप यहां उल्लिखित अमीर लोगों की श्रेणी में हैं।
हर साल प्रकाशित होने वाले सबसे अमीर लोगों के फोर्ब्स की सूची भी किसी व्यक्ति के नेटवर्थ पर आधारित होते हैं, न कि वे कितना पैसा कमाते हैं या अपने बैंक खातों में कितना पैसे रखते हैं।
9. एसेट और लायबिलिटी की समझ (Understanding of Assets & Liabilities)
दोस्तों लोग जाने और अनजाने में अमीर दिखने के लिए समान ख़रीदते है, अमीर बनने के लिए नहीं। अधिकतर लोग मकान, कार, ए सी, फ्रिज, मोबाइल, ज्वेलरी और अन्य लक्ज़री आईटम खरीदकर अपने आप को अमीर समझने लगते है। अगर देखा जाए तो ये सभी चीजें आपको आर्थिक रूप गरीब ही बनाते है, क्योंकि ये सभी चीजें खरीदकर अमीर दिख तो सकते है मगर अमीर नहीं बन सकते। लोग ऐसा क्यों करते है? क्योंकि अधिकतर लोगों को एसेट और लायबिलिटी के बीच का फर्क मालूम नहीं होता है।
एसेट (Asset) और लायबिलिटी (Liabilities) फाइनेंस या कॉमर्स के दो महत्वपूर्ण शब्द है, जिसे "रिच डैड पुअर डैड" के ऑथर रॉबर्ट कियोसाकी बहुत ही आसान शब्दों में कहते है कि "एसेट या संपत्ति ऐसी चीज है जो हमारे जेब में पैसा डालती है। जबकि लायबिलिटी (देनदारी या दायित्व) कोई ऐसी चीज है जो हमारे जेब से पैसा निकालती है।" उदाहरण के लिए मकान एक लायबिलिटी है, जब आप इसे अपने लिए उपयोग करते है। क्योंकि मकान के लिए EMI, मेंटेनेंस और टैक्स की जरूरत हो सकती है, जो आपके जेब से पैसे निकालती है। जबकि यदि इसी मकान को किराए से दे दिया जाए तो किराए की कमाई या इनकम आपकी जेब में पैसा डाल रही है। इस प्रकार जब आप मकान ख़ुद के लिए उपयोग करते है तो यह एक लायबिलिटी बन जाता है और जब इसे किराए से दे देते है तो एक एसेट बन जाता है।
कार, एसी, फ्रिज, मोबाइल और अन्य लक्ज़री आईटम आदि लायबिलिटी है, क्योंकि इन सभी चीजों की कीमत समय के साथ कम होती है और आपकी जेब से पैसे निकालती है। रियल इस्टेट( किराए पर दिए मकान, दुकान, आफिस), बांड्स, म्यूच्यूअल फंड्स, शेयर्स, सोना, चांदी आदि एसेट है, क्योंकि इन सभी चीजों की वैल्यू समय के साथ बढ़ती भी है और आपके जेब में पैसे भी डालती है। अतः हमे वित्तीय रूप से सफल होने के लिए एसेट और लायबिलिटी की अच्छा समझ होना चाहिए।
उम्मीद है दोस्तों ये आर्टिकल "ऐसी 9 लेसन (lessons) जो आपको अमीर और सफल बनायेंगे। (9 Lessons That Will Make You Rich And Successful)" अच्छा और काम के लगा होगा। यदि अच्छा लगा हो तो ये पोस्ट अपने दोस्तों और रिस्तेदारों जरूर शेयर करे।
धन्यवाद!