दोस्तों हमें लगता है कि बिजनेस करने वाले लोग ही अमीर बन सकते है, जॉब करने वाले लोग कभी अमीर नहीं बन सकते है। लेकिन आप गौर करेंगे तो पाएंगे कि हमारे आसपास बहुत से ऐसे लोग भी मिल जायेंगे जो साधारण जॉब या रेगुलर इनकम से ही करोड़पति बन गये है। ये कैसे हुआ? क्योंकि उनके पास एक अच्छी आदत या फाइनेंसियल डिसिप्लीन था; जैसे बजट बनाना, नियमित बचत करना और बचत किये गए पैसों को सही जगह निवेश करना। तो इस आर्टिकल में सिम्पली बजट की 50-30-20 नियम (50-30-20 Rule Of Budget) को जानेंगे।
जब बजट की बात आती है तो एक सवाल हम बहुत सुनते हैं, "मैं और अधिक बचत क्यों नहीं कर सकता?" बजट को जटिल बनाने की जरूरत नहीं है। 50-30-20 नियम एक आसान बजट पद्धति है जो आपको अपने पैसे को प्रभावी और सरल तरीके से मैनेज करने में मदद करता है। 50-30-20 बजट नियम को सबसे पहले सीनेटर एलिजाबेथ वॉरेन ने अपनी पुस्तक "ऑल योर वर्थ: द अल्टीमेट लाइफटाइम मनी प्लान" में 50-20-30 बजट नियम के रूप में उल्लेख किये है। इस नियम के अनुसार टैक्स के बाद इनकम से होने वाले खर्चों को तीन हिस्सों में बांट सकते हैं-
• जरूरतों पर 50%
• इच्छाओं पर 30% और
• बचत और निवेश पर 20%
जरूरतों पर 50%
दोस्तों जरूरत यानी जिसके बगैर हम रह नहीं सकते है। यानी ऐसे खर्चें जिसे टाला नहीं जा सकता। इन जरूरतों में निम्न शामिल हो सकते है-
• घर का किराया या EMI
• राशन
• कपड़ें
• ट्रांसपोर्ट या परिवहन
• स्कूल का फीस
• बिजली का बिल
• पानी का बिल
• गैस का बिल
• फोन और इंटरनेट बिल
• कोई ऋण का भुगतान
ऊपर बताये गये जरूरतें या बेसिक नीड एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के लिए भिन्न हो सकता है। आप इन खर्चों को अपने हिसाब से बदलाव या कम भी कर सकते है। जैसे कार एक जरूरत नहीं है, इसकी जगह आप पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी उपयोग कर सकते है, महंगे कपड़े की जगह किफायती कपड़े पहन सकते है, घर खरीदने की जगह आप किराये की घर चुन सकते है इत्यादि। उदाहरण के लिए आपकी मासिक सैलरी या इनकम 50,000 रुपये है तो जरूरतों पर 50% यानी 25,000 रुपये खर्च कर सकते है।
इच्छाओं पर 30%
इंसान की न्यूनतम जरूरत पूरी होने के बाद कुछ और चाहत या इच्छाएं होती है, जिसे पूरा करने के बाद ही इंसान संतुष्ट और खुशी महसूस करते है। हालांकि इसके बगैर भी रह सकते है। जैसे-
• लेटेस्ट गैजेट
• नई कार या बाइक
• बाहर खाना
• मनोरंजन (नेटफ्लिक्स, मल्टीप्लेक्स)
• ट्रेवल्स
• लक्सरी कपड़े व जूते
• अन्य शौक
ऊपर बताये गए लिस्ट में अगर आपके कोई और शौक या इच्छाएं है तो उसे शामिल कर सकते है। अगर आपकी मासिक सैलरी 50,000 रुपये है तो इच्छाओं पर 30% यानी 15,000 रुपये खर्च कर सकते है। आप इसे कम भी कर सकते है, क्योंकि इच्छायें कोई जरूरी खर्चा नहीं होता है। जैसे फ़िल्म देखने के लिए थियेटर जाने के बजाय घर में टीवी देख सकते है, होटल में खाने की बजाय घर पर बना खाना खा सकते है, नई बाइक या कार की बजाय आप सेकंड हैंड बाइक या कार ले सकते है, इत्यादि।
बचत और निवेश पर 20%
दोस्तों इस नियम का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा बचत और निवेश है, जिसमें भविष्य के लिए सेविंग, इमरजेंसी फण्ड, रिटायरमेंट की तैयारी, बच्चों की हायर एजुकेशन और इन्वेस्टमेंट शामिल है। अगर इस हिस्से या नियम को कड़ाई से पालन न करे तो शायद हम कभी भी आर्थिक रूप से सफल नहीं हो पाएंगे। आप अपनी इनकम की 20% हिस्सा किसी ऐसी जगह सेविंग और इन्वेस्टमेंट कर सकते है जो समय के साथ ग्रो हो सके। जैसे-
• FD
• NPS
• PPF
• कमोडिटी (जैसे- गोल्ड, सिल्वर)
• क्रिप्टो
• म्यूच्यूअल फंड
• बांड
• स्टॉक्स
• रियल स्टेट
• बिजनेस
ऊपर बताये गए निवेश विकल्प में आप अपने रिस्क लेने की क्षमता और नॉलेज के आधार पर चुनाव कर सकते है। यदि आपकी मासिक इनकम 50,000 रुपये है तो बचत पर 20% यानी 10,000 रुपये बचत या निवेश कर सकते है। अपनी कुछ अनावश्यक इच्छाओं को कम करके बचत या निवेश की राशि को बढ़ा सकते है। आप चाहे तो 20% इच्छाओं पर और 30% बचत और निवेश पर खर्च कर सकते है।
निष्कर्ष
बजट को बहुत जटिल बनाने के बजाय आप सिम्पली 50-30-20 नियम का उपयोग कर आर्थिक सफलता की ओर बढ़ सकते है। उम्मीद करता हूँ दोस्तों बजट का यह 50-30-20 नियम अच्छा लगा होगा। अगर अच्छा लगा हो तो अपनी पर्सनल फाइनेंस में जरुर अप्लाई कर सकते है। ऐसे ही पर्सनल फाइनेंस की जानकारी के लिए हमारे ब्लॉग को निरन्तर पढ़ते रहे। धन्यवाद!
Happy Investing!