दोस्तों फिबोनाची रीट्रेसमेंट्स (Fibonacci Retracement) स्टॉक मार्केट में एक टेक्निकल टूल है, जिसका उपयोग ज्यादातर सपोर्ट और रेजिस्टेंस देखने के लिए किया जाता है। फिबोनाची रीट्रेसमेंट्स की अवधारणा को पूरी तरह से समझने के लिए आपको फिबोनाची सीरीज (Fibonacci Series) को समझना होगा। फिबोनाची सीरीज की खोज 12वीं सदी के आसपास इटालियन गणितज्ञ लियोनार्डो पिसानो बोगोलो ने किया था।
फिबोनाची सीरीज शून्य और एक से शुरू होने वाली संख्याओं का एक व्यवस्थित क्रम है, जो अपने पिछले दो संख्याओं का योग होता है। जैसे-
0, 1, 1, 2, 3, 5, 8, 13, 21, 34, 55, 89, 144, 233, 377...
अर्थात
0 + 1 = 1
1 + 1 = 2
1 + 2 = 3
2 + 3 = 5
3+ 5 = 8 ...इत्यादि।
यानी पिछली दो संख्याओं के योग से अगली संख्या बनती है और ये ऐसे ही सीरीज अनंत तक चलती है। फिबोनाची सीरीज के कुछ दिलचस्प गुण हैं। इसके सीरीज से बहुत सारे अनुपात या रेश्यो (Ratio) निकाले जा सकते है। ऐसा माना जाता है कि फिबोनाची सीरीज से निकाले गए रेश्यो पूरे यूनिवर्स पर लागू होता है। यानी इन रेश्यो के गुण को प्रकृति, जीवविज्ञान और अंतरिक्ष में भी देखे जा सकते है। इस पर हम अभी चर्चा नहीं करेंगे, नहीं तो हम मुख्य विषय से हमारा ध्यान हट जायेगा। हम यहाँ स्टॉक मार्केट में फिबोनाची संख्याओं का उपयोग कैसे करें? इस बात को समझेंगे, जिससे हमें ट्रेडिंग और इंवेस्टिंग में प्रॉफिट हो। ट्रेडर्स और इन्वेस्टर यह सोचकर इसका उपयोग करते है कि जब पूरे यूनिवर्स में यह नियम लागू होता है, तो यह स्टॉक मार्केट में टेक्निकल एनालिसिस पर भी काम करता होगा।
फिबोनाची सीरीज से प्राप्त विभिन्न अनुपात या रेश्यो:
1) जब हम फिबोनाची सीरीज से कोई भी एक संख्या लेकर उसी संख्या से भाग देते है, तो हमे पहला फिबोनाची रेश्यो 1 या 1% प्राप्त होता है। जैसे-
144/144 = 1
89/89 = 1
55/55 = 1
34/34 = 1 ...इत्यादि।
2) सीरीज में किसी भी संख्या को पिछले संख्या से विभाजित करें तो अनुपात हमेशा लगभग 1.618 या प्रतिशत में 161.8% रेश्यो प्राप्त होता है। जैसे-
233/144 = 1.618
144/89 = 1.618
89/55 = 1.618
55/34 = 1.618 ...इत्यादि।
यहाँ 1.618 या 161.8% के अनुपात को गोल्डन रेश्यो (Golden Ratio) या फाई (Phi) कहा जाता है।
3) गोल्डन रेश्यो के अलावा फिबोनाची सीरीज का एक और गुण है, जब इस सीरीज की कोई संख्या, सीरीज में अपने तुरंत बाद आने वाली संख्या से विभाजित होती है, तो ये अनुपात भी स्थिर ही रहता है। जैसे-
34/55 = 0.618
55/89 = 0.618
89/144 = 0.618
144/233 = 0.618 ...इत्यादि।
यहाँ 0.618 को प्रतिशत में 61.8% भी व्यक्त किया जा सकता है।
4) इसी तरह की स्थिरता तब भी पाई जाती है जब फिबोनाची सीरीज में कोई भी संख्या अपने से दो स्थान बाद आने वाली संख्या से विभाजित किया जाता है। जैसे-
13/34 = 0.382
21/55 = 0.382
34/89 = 0.382
144/377 = 0.382 ...इत्यादि।
0.382 को प्रतिशत के रूप में 38.2% लिख सकते है।
5) इसी तरह, जब फिबोनाची सीरीज की एक संख्या को उसके 3 स्थान बाद आने वाली संख्या से विभाजित किया जाता है, तब भी स्थिरता पाई जाती है। जैसे-
13/55 = 0.236
21/89 = 0.236
34/144 = 0.236
55/233 = 0.236 ...इत्यादि
0.236 को प्रतिशत के रूप में 23.6% लिख सकते है।
टेक्निकल चार्ट में फिबोनाची रेश्यो का क्रम इस प्रकार दिखाई देता है-
0%, 0.23%, 0.38%, 0.5%, 0.61%, 0.78%, 1%, 1.23%, 1.38%, 1.5%, 1.61%, .... इत्यादि।
कुछ ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर में यह इस प्रकार दिखाई देता है-
23.6%, 38.2%, 50%, 61.8%, 78.6%, 100%, 123.6%, 138.2%, 150%, 161.8%, ... इत्यादि।
38.2%, 61.8%, 78.6%, 138.2%, 161.8%, 178.6%, 238.2%, ... इत्यादि को फिबोनाची गोल्डन रेश्यो कहा जाता है, इस लेवल पर स्टॉक प्राइस की रिट्रेसमेंट की प्रोबेबिलिटी अधिक होती है।
स्टॉक मार्केट में फिबोनाची रीट्रेसमेंट्स का उपयोग कैसे करें?
(How to use Fibonacci Retracement in Stock Market?)
जब आप टेक्निकल चार्ट पर फिबोनाची रिट्रेसमेंट बनाते हैं, तो आप देखेंगे कि हम वास्तव में सीरीज के संख्याओं का उपयोग नहीं करते हैं। इसके बजाय, सीरीज के संख्याओं के बीच के अनुपात या रेश्यो का उपयोग किया जाता है।
जब स्टॉक की प्राइस लगातार बढ़ती या घटती है तो प्राइस कहीं न कहीं ऊपर या नीचे जाने से पहले उलटने या रिट्रेसमेंट होने की संभावना होती है। यह रिट्रेसमेंट या बदलाव फिबोनाची रेश्यो जैसे- 38.2%, 61.8%, 78.6%,... इत्यादि के आसपास होने की ज्यादा संभावना होती है। ट्रेडर और इन्वेस्टर इन रेश्यो के जरिये अपना सफल ट्रेडिंग या इंवेस्टिंग स्ट्रेटेजी बना सकते है।
उदाहरण के लिए, कोई स्टॉक की प्राइस 100 रुपये से बढ़कर 250 रुपये तक जाती है, तो और अधिक ऊपर जैसे 300 रुपये तक जाने से पहले नीचे 200 रुपये तक आने का भी संभावना बना रहेगा।
ट्रेडर्स फिबोनाची रिट्रेसमेंट सॉफ्टवेयर के जरिये उस रीट्रेसमेंट्स पॉइंट या बदलाव बिंदु को ट्रैक करने की कोशिश करते है, जहां पर स्टॉक की प्राइस उलटने (ऊपर या नीचे जाने) की प्रबल संभावना होती है। रीट्रेसमेंट्स की संभावना गोल्डन रेश्यो 38.2%, 61.8%, 78.6%, 138.2%, 161.8%, 178.6%, 238.2%,... इत्यादि के आसपास अधिक होता है। स्टॉक को इन्ही गोल्डन रेश्यो के आसपास करेक्शन या रीट्रेसमेंट लेवल का इंतजार कर खरीदी-बिक्री का निर्णय लिया जा सकता है।
लेकिन ध्यान रहे कि स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग सिर्फ फिबोनाची रीट्रेसमेंट्स रेश्यो को ही देखकर नहीं किया जा सकता। इसके साथ और भी पैरामीटर है जैसे- कैंडलस्टिक पैटर्न, सपोर्ट-रेजिस्टेंस और वॉल्यूम आदि इंडिकेटर को मिलाकर निर्णय लेने से, ट्रेड की सही होने की प्रोबेबिलिटी बढ़ सकता है। साथ ही स्टॉपलॉस भी सेट किया जाना चाहिए।
ट्रेडिंग चार्ट में कोई भी इंडिकेटर या सॉफ्टवेयर 100% सही और सटीक संकेत नहीं देता है, फिबोनाची रीट्रेसमेंट के साथ भी ऐसा ही है। क्योंकि कोई स्टॉक की प्राइस उस विशेष एरिया के आसपास रिवर्स हो जाये इस बात की कोई गारंटी नहीं होता है, यह सिर्फ संभावित एरिया होता है।
फिबोनाची रीट्रेसमेंट्स को टेक्निकल चार्ट में ड्रा कैसे करें?
(How to draw Fibonacci Retracement in Technical Chart?)
फिबोनाची रीट्रेसमेंट्स को चार्ट में हम निम्न दो तरीके से ड्रा कर सकते है-
1) जब स्टॉक की प्राइस अपट्रेंड यानी बढ़त में हो। इसके लिए चार्ट में सबसे वर्तमान के स्टॉक प्राइस की हाई (अधिकतम) और लो (न्यूनतम) की पहचान करना होता है। उसके बाद लो प्राइस से हाई प्राइस को कनेक्ट कर फिबोनाची रीट्रेसमेंट्स रेश्यो या लेवल ड्रा कर सकते है। लगभग सभी शेयर ब्रोकर के ट्रेडिंग टर्मिनल के चार्ट में फिबोनाची रीट्रेसमेंट्स का टूल्स या सॉफ्टवेयर होता है।
उदाहरण के लिए, TATAELXSI की चार्ट पर जहाँ लो प्राइस (पॉइंट A) यानी 6417 रुपये से हाई प्राइस (पॉइंट B) यानी 8812 रुपये तक फिबोनाची रीट्रेसमेंट्स ड्रा करते है। अर्थात फिबोनाची की बढ़त 8812 - 6417 = 2341 रुपये है। फिबोनाची रीट्रेसमेंट्स के अनुसार जब स्टॉक में करेक्शन आता है तो क्रमशः 38.2%, 61.8%, 78.6%,... तक गिर सकता है। दिखाए गए चार्ट में स्टॉक का करेक्शन 61.8% के आसपास यानी 7366 रुपये तक नीचे आ गया है। जो फिबोनाची रीट्रेसमेंट्स सिद्धान्त अनुसार सही है, इसके बाद स्टॉक की प्राइस में बढ़त यानी रैली शुरू हो जाता है।
गणितीय रूप में,
फिबोनाची की बढ़त = 8812 - 6417
= 2341 रुपये
फिबोनाची की चाल (नीचे की ओर) = 2341 का 61.8%
= 1446 रुपये की गिरावट
61.8% का करेक्शन या रीट्रेसमेंट्स पॉइंट = 8812 - 1446
= 7366 रुपये से पुनः ऊपर की ओर बढ़त
2) जब स्टॉक की चाल डाउन ट्रेंड या गिरावट में हो तो वर्तमान के हाई प्राइस से लो प्राइस को कनेक्ट कर फिबोनाची रीट्रेसमेंट्स रेश्यो ड्रा कर किया जा सकता है।
जैसे- WIPRO के चार्ट में हाई प्राइस को A से लो प्राइस को B से दर्शाया गया है। चार्ट में स्टॉक की प्राइस 726 रुपये से 531 रुपये तक गिरा है और 605 रुपये के आसपास यानी 38.2% पर करेक्शन आता है। यह स्टॉक आगे 61.8% और 78.6% लेवल तक भी करेक्शन कर सकता था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है।
TradingView में Auto Fib Retracement का उपयोग:
1) सर्वप्रथम TradingView में चार्ट ओपन करें।
2) उसके बाद किसी स्टॉक या इंडेक्स को चार्ट में सेलेक्ट करें।
3) Indicators ऑप्शन के सर्च बार में Auto Fib Retracement सर्च करें और सेलेक्ट करें।
4) एक बार Auto Fib Retracement चार्ट में सेट कर देने के बाद आप विभिन्न स्टॉक्स और विभिन्न टाइम फ्रेम (जैसे- 1m, 5m, 15m, 1h, 1d या 1w) में उपयोग कर सकते है।
Auto Fib Retracement का उपयोग करने से फायदा यह है कि इसमें बार-बार स्टॉक या इंडेक्स की हाई और लो पॉइंट ढूंढना नहीं पड़ता है और साथ ही इसे ड्रा करने का भी जरूरत नहीं पड़ता है। इस सॉफ्टवेयर की मदद से फिबोनाची रीट्रेसमेंट्स ऑटोमेटिक ड्रा हो जाता है। TradingView में यह बिल्कुल मुफ्त है।
उम्मीद है दोस्तों फिबोनाची रिट्रेसमेंट (Fibonacci Retracement) क्या है? और स्टॉक मार्केट में इसका उपयोग कैसे करे? आसानी से समझ आया होगा। ऐसे ही स्टॉक मार्केट की जानकारी के लिए हमारे वेबसाइट में जरुर आते रहिये। पढने के लिए धन्यवाद!!
Very use ful sir
जवाब देंहटाएंThank You Stay Connected
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