हेलो दोस्तों इस आर्टिकल में हम रिचर्ड कोच द्वारा लिखी प्रसिद्ध पुस्तक द 80/20 प्रिंसिपल या 80/20 सिद्धांत (The 80/20 Principle Book Summary in Hindi) पर बात करने वाले हैं। 80/20 सिद्धांत में छिपे पैटर्न की खोज सबसे पहले 1897 में इटली की इकोनॉमिक्स विल्फ्रेडो पारेतो ने की थी। उनकी खोज को पारेतो सिद्धांत, पारेतो नियम, 80/20 का नियम, न्यूनतम प्रयास का सिद्धांत और असंतुलन का सिद्धांत आदि नामों से भी जाना जाता है।
दोस्तों मैं आपको इस पुस्तक से ऐसे बहुत सारे विचार बताऊंगा, जो आपके पुराने विचार और जीवन को बदल सकते है। तो चलिए शुरू करते हैं।
80/20 सिद्धांत क्या है?
19वीं सदी में विल्फ्रेडो पारेतो इंग्लैंड में धन और आय के तौर तरीकों का अध्ययन कर रहे थे तभी उन्होंने पाया कि 80% दौलत केवल 20% लोगों के पास है जबकि 20% दौलत 80% लोगों के पास है। उन्होंने इसे कई चीजों पर भी गौर किये और वहाँ भी सही पाये गए। जैसे- बिजनेस में 20% उत्पादों या ग्राहकों से 80% लाभ होता है, समाज में 20% अपराधी कुल अपराध का 80% अपराध करते हैं, रिश्तों में 20% रिश्तें आपको 80% खुशी देते हैं, सड़क में 20% लोग 80% दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार होते हैं।80/20 का यह अनुपात या गणितीय संबंध 65/35, 70/30, 75/25, 90/10, 99/1 आदि के रूप में भी दिखाई दे सकते है। यह सिद्धांत ब्रह्मांड में असंतुलित, अपरंपरागत और अरेखीय प्रकृति के नजर आते है। यह सिद्धांत हमारे जीवन मे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण और रणनीतिक है, जिसे उपयोग कर सफलता, खुशी और संतुष्टि प्राप्त किया जा सकता है।
80/20 सिद्धांत के अनुसार, हमारे 80% परिणाम या आउटपुट हमारे 20% कोशिशों या इनपुट पर निर्भर करते हैं। यानी हमारा 80% परिणाम, उत्पादन या फल 20% कारण, मूल्य या प्रयास से मिलते हैं। इस प्रकार कारण और परिणाम का बैलेंस कभी बराबर नहीं होते है। अक्सर आप अनुभव करेंगे कि 80/20 का सिद्धांत हमारे जीवन, समाज, व्यवसाय, मार्केटिंग, रिश्ते, निवेश, जीत, कार्य आदि सब पर लागू होता है।
80/20 सिद्धांत के कुछ उदाहरण नीचे दिए जा रहे है, जो सही हो सकते हैं इसमें कोई स्पष्ट सत्य या व्यापक शोध के परिणाम नहीं है इसलिए इनकी जांच आप अपने अनुभव से कर सकते हैं।
सोच में 80/20 सिद्धांत
दोस्तों हमारे दिमाग में एक दिन में हजारों विचार आते हैं। हम उनमें से कुछ ही विचार को महत्वपूर्ण समझते हैं और हम अपने जीवन में उन्हीं महत्वपूर्ण विचारों पर कार्य करते हैं। ऐसे महत्वपूर्ण कुल विचारों में से केवल 20% ही होते हैं। यदि हमें जीवन में सफल होना है तो हमें उन 80% फालतू विचारों पर कार्य नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से हमारे समय, ऊर्जा और धन की बचत होगी। हमें उन 20% विचारों पर कार्य करना चाहिए जो महत्वपूर्ण और प्रोडक्टिव हो। आज जो भी आपके पास है या हो वो आपके पूर्व के 20% महत्वपूर्ण विचारों को अमल में लाने अथवा महत्वपूर्ण विचारों के चयन के कारण है।
कार्य में 80/20 सिद्धांत
दोस्तों अपने शिक्षा में और अपने कार्यक्षेत्र में जो भी सफलता हासिल किए हैं, उन सभी के बारे में सोचिए। आपको अपना काम करने के लिए जिस स्किल की जरूरत होगी वह आपके ज्ञान का एक छोटा सा हिस्सा होगा लेकिन आप सबसे ज्यादा पैसे उसी दक्षता या स्किल के कारण कमाते हैं। उदाहरण के लिए टीचर। एक टीचर पहले स्कूल की पढ़ाई करते हैं, फिर वह बैचलर या मास्टर डिग्री की पढ़ाई करते हैं, उसके बाद वह B.Ed करते हैं। उनकी पूरी शिक्षा में से केवल B.Ed ही उनके कार्यक्षेत्र में काम आती है। नौकरी पाने के लिए स्कूल की शिक्षा और बैचलर या मास्टर डिग्री को अनिवार्य योग्यता रखा जाता है लेकिन उनके काम की प्रोडक्टिविटी और परफॉर्मेंस केवल उनकी B.Ed डिग्री पर निर्भर करती है। B.Ed उनकी शिक्षा का केवल 20% हिस्सा है जिस पर उनकी 80% प्रोडक्टिविटी निर्भर करती है।
रिश्तों में 80/20 सिद्धांत
यदि कोई व्यक्ति रिश्तो को लेकर परेशान या उलझन में हैं तो 80/20 सिद्धांत उपयोग कर सकते हैं। जैसे कोई व्यक्ति किसी रिश्ते को सुधारने की कोशिश कर रहा हो तो सबसे पहले उन्हें यह जानना चाहिए कि रिश्ता कहां खराब हुआ है? अधिकतर लोग अपना 80% ध्यान दूसरों की गलतियों पर, आलोचना करने पर लगाते हैं जिसके कारण उनके रिश्ते और खराब हो जाते हैं। अगर आप अपना 20% ध्यान दूसरों की अच्छाई पर लगाएंगे तो निश्चित तौर पर आपके रिश्ते सुधर जाएंगे।
समय प्रबंधन में 80/20 सिद्धांत
हम सब जानते हैं कि समय ही धन है। हम सभी के पास एक निश्चित समय यानी 24 घंटे ही है, इसलिए बुद्धिमानी इसी में है कि हम अपना समय सावधानी से खर्च करें। हमें 20% समय का उपयोग इस तरह से करना चाहिए कि 80% परिणाम मिल सके। कोई भी कार्य करने से पहले हम उन 20% कार्यों का लिस्ट बना लें जिन्हें हमें सबसे पहले करना है। ऐसे कार्यों को पहली प्राथमिकता देनी चाहिए जिसे कम समय में करने से अच्छा रिजल्ट मिल सके। हमें उन 80% कार्यों में समय बर्बाद नहीं करना चाहिए, जो हमारे लिए फालतू और अनप्रॉडक्टिव हो।
जीवन में 80/20 सिद्धांत
80/20 सिद्धांत को अपनी जीवन में भी लागू कर सकते हैं। जीवन में हम जो भी खुशी, लक्ष्य या चीजें हासिल करना चाहते हैं उन्हीं के लिए हमें अपनी समय, ऊर्जा और धन खर्च करनी चाहिए जिससे हमें सच्ची खुशी और मन की शांति मिल सके। यहां कहने का मतलब यह है कि हमें अपना 20% समय, ऊर्जा और धन उन चीजों पर लगाना चाहिए जिससे कि हमें 80% सफलता, खुशी और संतुष्टि मिले। जैसे कि दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताना, अपनी मनपसंद काम करना। ध्यान रहे कि हमारे जीवन में संपत्ति से ज्यादा खुशी और संतुष्टि ज्यादा महत्वपूर्ण होता है।
बिजनेस में 80/20 सिद्धांत
बिजनेस में इस सिद्धांत का उपयोग कर हम कम से कम मेहनत में अधिक से अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। जैसे आप अनुभव किये होंगे कि बिजनेस में अच्छा सर्विस और प्रोडक्ट देने के बाद भी सभी ग्राहक संतुष्ट नहीं होते। कुछ ग्राहक आप से संतुष्ट होते हैं और कुछ ग्राहक को बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं किया जा सकता। लेखक कहते हैं कि बिजनेस में अपने 20% अच्छे ग्राहक को पहचानिए और उन्हीं को अच्छी सर्विस और प्रोडक्ट देना शुरू कीजिए। ऐसे ग्राहकों से ही आपके पास नए ग्राहक और आएंगे और यही आपको 80% मुनाफा दिलाएंगे। दूसरी तरफ आप अपने 20% खराब ग्राहक को भी पहचाने और उन पर अपना समय और ऊर्जा न गवाएं, यदि ऐसे ग्राहक आपसे रिफंड मांगे तो उनके साथ झगड़ा करने से बेहतर है कि उन्हें रिफंड की राशि लौटा दिया जाए, नहीं तो ये आपके बिजनेस लक्ष्य को हासिल करने में 80% बाधा उत्पन्न कर सकते है। इस प्रकार बिजनेस में 20% अच्छे या खराब ग्राहक को मैनेज कर 80% मुनाफा या बिजनेस लक्ष्य हासिल कर सकते हैं।
निवेश में 80/20 सिद्धांत
यदि आप शेयर मार्केट या म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करते है, तो आप ने गौर किये होंगे कि लॉन्ग टर्म के पोर्टफोलियो में 20% स्टॉक्स या फंड्स ऐसे होते है जो 80% लाभ या नुकसान देते है अथवा 80% स्टॉक्स या फंड्स ऐसे होते है जो 20% लाभ या नुकसान देते है। इस प्रकार हमारे 20% निर्णय या फैसला भविष्य में 80% परिणाम देते है जबकि 80% निर्णय या फैसला भविष्य में 20% परिणाम देते है।
80/20 सिद्धांत के कुछ और उदाहरण है-
1. केवल 20% ब्लॉगर की ब्लॉग 80% पढ़ी जाती है, जबकि 80% ब्लॉगर की ब्लॉग केवल 20% पढ़ी जाती है।
2. आप अपनी वॉर्डरोब में रखे केवल 20% कपड़े को 80% पहनते हैं, जबकि 80% कपड़े को केवल 20% पहनते हैं।
3. आप अपने फोन बुक में सेव किए 20% लोगों से 80% समय बातचीत करते हैं, जबकि 80% लोगों से 20% समय बातचीत करते हैं।
4. 20% सड़कों पर 80% ट्रैफिक होती है, जबकि 80% ट्रैफिक 20% सड़कों पर होती है
5. दुनियाँ में 80% दौलत केवल 20% लोगों के पास है जबकि 20% दौलत 80% लोगों के पास है।
6. 20% विद्यार्थी उपलब्ध शैक्षणिक योग्यता में से 80% योग्यता प्राप्त करते हैं।
7. 20% प्रोडक्ट्स या ग्राहकों से किसी बिजनेस को 80% लाभ मिलता है।
उपरोक्त उदाहरण की लिस्ट और भी लंबी हो सकती है, जो समझने के लिए काफी है। आप अपने से सैकड़ों और हजारों उदाहरणों को शामिल कर सकते है। 80/20 सिद्धांत को जीवन के लगभग सभी क्षेत्रों में लागू किया जा सकता है।
शीर्ष 10 निम्न-स्तरीय गतिविधियां
लेखक के अनुसार निम्न-स्तरीय गतिविधियाँ हैं जो अक्सर आपका समय खराब करते है और आपको उच्च-स्तरीय गतिविधियों में संलग्न होने से रोकते है।
1. वे चीजें जो दूसरे लोग चाहते हैं कि आप करें।
2. चीजें जो हमेशा से इस तरह से की गई हैं।
3. वे चीजें जिन्हें करने में आप विशेष रूप से अच्छे नहीं हैं।
4. जिन चीजों को करने में आपको मजा नहीं आता।
5. चीजें जो हमेशा बाधित होती हैं।
6. जिन चीजों में बहुत कम लोग रुचि रखते हैं।
7. ऐसी चीजें जो पहले से आपकी अपेक्षा से दोगुना समय ले चुकी हैं।
8. ऐसी चीजें जहां आपके सहयोगी अविश्वसनीय या निम्न गुणवत्ता वाले हैं।
9. ऐसी चीजें जिनका एक पूर्वानुमेय चक्र (predictable cycle) होता है।
10. टेलीफोन का जवाब देना।
शीर्ष 10 उच्चतम मूल्य गतिविधियां
इसके विपरीत, उच्च-स्तरीय गतिविधियां जिन्हें आपको अपने जीवन में शामिल करना चाहिए। यदि आप इन गतिविधियों पर अधिक समय देना शुरू करते हैं, तो आपकी सफलता की संभावना बढ़ जाएगी।
1. चीजें जो आपको जीवन में अपने सामान्य उद्देश्य को जल्दी से प्राप्त करने में मदद करती हैं।
2. चीजें जो आप हमेशा से करना चाहते हैं।
3. जिन चीजों में समय और परिणाम के बीच पहले से ही 80/20 का अनुपात होता है।
4. चीजों को करने के नए तरीके अधिक उत्पादकता का वादा करते हैं।
5. चीजें जो दूसरे आपको नहीं करने के लिए कहते हैं।
6. वे चीजें जो किसी अन्य क्षेत्र में सफलतापूर्वक की गई हों।
7. जिन चीजों के लिए रचनात्मकता की आवश्यकता होती है।
8. जो काम कोई दूसरा नहीं कर सकता।
9. उच्च गुणवत्ता वाले सहयोगियों के साथ नौकरियां।
10. चीजें जहां अवसर केवल एक बार आते हैं।
और अंत में
आज के समय में 80/20 का सिद्धांत हर जगह लागू होने लगे हैं। बीते समय में जाने अनजाने में जिन लोगों ने इसका इस्तेमाल किया है, उन्हें इसका अच्छा खासा फायदा मिला है। आगे भी यह हर उस व्यक्ति और संगठन के लिए एक अच्छा साधन या फॉर्मूला है, जो जीवन में सफल, खुश और संतुष्ट रहना चाहते हैं। दोस्तों इस 358 पेज के पुस्तक को इतनी कम शब्दों में बताना काफी मुश्किल है, इसलिए मैं रिकमेंड करूंगा कि आप सभी इस पुस्तक को पूरा पढ़ें ताकि इस में दिए गए सभी बातें अच्छे से समझ आए और अपने जीवन व करियर में अप्लाई करें, ताकि आप अपने लक्ष्य और सपने को पूरा कर सके। अंत तक पढ़ने के लिए दिल से शुक्रिया!!