दोस्तों भारत में म्युचुअल फंडों में निवेश पिछले कुछ वर्षों में बहुत बढ़ा हैं। मार्केट में म्युचुअल फंड कंपनियां तो बहुत है उसमें भी फंडों के प्रकार इतने सारे हैं की आम निवेशक परेशान हो जाते हैं। अब यदि उनमें से किसी एक फंड में निवेश करना है तो कैसे चुने तो और जटिल हो जाती है। बाजार में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले फंड बदलते रहते हैं। म्यूच्यूअल फंड योजनाओं को आंकने के लिए विभिन्न ग्रेटिंग प्रणालियां जैसे Crisil, Morning Star, ICRA मौजूद है यह प्रणालियां गुणात्मक और मात्रात्मक कारकों जैसे रिटर्न, ऐसेट साइज, एक्सपेंस रेशों, स्टैंडर्ड डेविएशन आदि के आधार पर म्यूच्यूअल फंडों का मूल्यांकन करती है।
दोस्तों अपने पोर्टफोलियो के लिए सर्वश्रेष्ठ म्युचुअल फंड चुनते समय विचार करने के लिए कई कारक हैं। इस लेख में हम 2023 के लिए सर्वश्रेष्ठ म्यूचुअल फंड पर चर्चा करेंगे। 2023 के लिए सबसे अच्छा म्युचुअल फंड वे होंगे जिनका बाजार से बेहतर प्रदर्शन करने का दीर्घकालिक ट्रैक रिकॉर्ड हो और जिनमें जोखिम भी कम है।
निवेशकों के लिए निवेश की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए, हमने सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले म्यूचुअल फंडों को कैसे चुने इस लेख में जानेंगे और साथ ही साथ 2023 में कुछ अच्छे म्यूच्यूअल फंड स्किम है, जिन पर आप निवेश के लिए विचार कर सकते हैं, जिन्हें हम अपने मार्केट एनालिसिस के आधार पर चुने हैं।
म्यूचुअल फंड में निवेश क्यों करें?
Why to Invest in Mutual Funds?
म्युचुअल फंड में निवेश करने से न केवल एक लाभ होता है, बल्कि इसके कई फायदे होते हैं जो निवेशकों को अपना पैसा बढ़ाने में मदद करते हैं। यह लघु, मध्य और दीर्घकालिक निवेश लक्ष्यों को पूरा करता है। ऐसे कई फंड विकल्प हैं जिन्हें आप निवेश करने के लिए चुन सकते हैं, कम जोखिम से लेकर उच्च जोखिम वाली योजनाओं जैसे डेब्ट और इक्विटी फंड । म्यूचुअल फंड की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करने वाली महत्वपूर्ण विशेषताओं में से एक न्यूनतम निवेश राशि है। आप केवल 500 रुपये की SIP में निवेश शुरू कर सकते हैं।
आइए कुछ और कारण देखें कि आपको म्यूचुअल फंड में निवेश क्यों करना चाहिए :
1. तरलता (Liquidity):
ओपन-एंडेड योजनाओं में, किसी योजना को खरीदना और उससे बाहर निकलना आसान होता है। कोई भी व्यक्ति किसी भी समय अपनी इकाइयों को बेच सकता है (यह आदर्श रूप से सुझाव दिया जाता है जब बाजार उच्च होते हैं)। लेकिन, जब आप किसी फंड में निवेश करते हैं, तो आपको एग्जिट लोड शुल्क पता होना चाहिए। म्यूचुअल फंड में, फंड हाउस द्वारा उस दिन की नेट एसेट वैल्यू (एनएवी) जारी करने के एक दिन बाद लेनदेन होता है।
2. विविधीकरण (Diversification):
म्युचुअल फंड में विभिन्न वित्तीय साधन जैसे स्टॉक, निश्चित आय के साधन, सोना आदि होते हैं, जिसके कारण आप केवल एक योजना में निवेश करके विविधीकरण के लाभों का आनंद ले सकते हैं। इसके विपरीत, यदि व्यक्ति सीधे शेयरों में निवेश करना चुनते हैं, तो उन्हें पैसा लगाने से पहले विभिन्न कंपनियों के शेयरों पर शोध करने की आवश्यकता होती है।
3. अच्छी तरह से विनियमित (Well-Regulated):
भारत में म्युचुअल फंड उद्योग सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) द्वारा अच्छी तरह से विनियमित है। यह सभी म्यूचुअल फंड के कामकाज पर नजर रखता है। इसके अलावा, ये फंड हाउस पारदर्शी भी हैं; उन्हें नियमित अंतराल पर अपनी प्रदर्शन रिपोर्ट प्रकाशित करने की आवश्यकता होती है।
4. विशेषज्ञ प्रबंधन (Expert Management):
प्रत्येक एमएफ योजना का प्रबंधन एक समर्पित कोष प्रबंधक द्वारा किया जाता है। फंड मैनेजर का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि निवेशक योजना के प्रदर्शन पर लगातार नजर रखकर और बाजार की आवश्यकताओं के अनुसार परिसंपत्ति आवंटन को समय पर बदलकर अधिकतम लाभ अर्जित करें।
5. अनुशासित निवेश (Disciplined investment):
म्यूच्यूअल फंड में सबसे अच्छी बात यह है कि आप हर महीने या तिमाही या अर्धवार्षिक अनुशासित और नियमित ढंग एसआईपी के जरिए निवेश कर सकते हैं। इसके अलावा आप इनमें एकमुश्त भी निवेश कर सकते हैं।
म्युचुअल फंड में निवेश करने से पहले कुछ कारक पर विचार कर लेना चाहिए जैसे-
1. आपके वित्तीय लक्ष्य (Your Financial Goals):
यह सबसे अच्छा होगा यदि आप कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले हमेशा अपने वित्तीय लक्ष्यों की पहचान करना शुरू कर दें। इससे आपको यह तय करने में मदद मिलेगी कि आपको अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए डेट या इक्विटी-ओरिएंटेड फंड की जरूरत है या नहीं। आप विभिन्न संभावित परिणामों के आधार पर निवेश निर्णय के लिए ऑनलाइन स्प्रैडशीट्स, ऐप्प जैसे टूल का उपयोग कर सकते हैं ताकि आप अपने जोखिम सहनशीलता के स्तर के साथ-साथ समय सीमा और तरलता जैसे अन्य कारकों के आधार पर उनमें से अपने लिए सबसे अच्छा संभव विकल्प चुन सकें।
2. निवेश समयावधि (Investment Time Period):
समझें कि आप कितने समय तक अपने निवेश को बनाए रखने की योजना बना रहे हैं - म्युचुअल फंड निवेश अल्पावधि (पांच साल से कम) या लंबी अवधि (पांच साल से अधिक) में आते हैं। यदि आप अल्पावधि के लिए निवेश कर सकते हैं, तो उन फंडों की तलाश करें जो उच्च जोखिम वाले शेयरों और बांडों में निवेश करते हो। यदि आप लंबी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं, तो अधिक रिटर्न वाले कम जोखिम वाले निवेश की तलाश करें, लेकिन समय के साथ SIP में वृद्धि करें।
3. जोखिम सहनशीलता (Risk Tolerance):
म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले आपको अपनी जोखिम सहनशीलता पर भी विचार करना चाहिए। इससे आपको यह समझने में मदद मिलेगी कि आप बाजार से किस तरह के रिटर्न की उम्मीद कर सकते हैं। म्यूचुअल फंड में निवेश करने का सबसे अच्छा समय वह होता है जब बाजार निचले स्तर पर होता है और अब ऊपर जाने की क्षमता रखता है। बेहतर यही होगा कि आप म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले यह भी देख लें कि बाजार में कितना उतार-चढ़ाव है।
4. फंड का प्रदर्शन (Fund Performance):
म्यूचुअल फंड हमेशा बाजार से बेहतर प्रदर्शन करने की कोशिश में रहते हैं। अगर वे ऐसा नहीं कर सकते तो वे अपना काम ठीक से नहीं कर रहे हैं। इसलिए आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपके द्वारा चुने गए किसी भी म्युचुअल फंड ने पिछले कुछ वर्षों में लगातार अच्छा रिटर्न दिया है - कम से कम पांच साल का डेटा सबसे अच्छा है।
5. खर्चे की दर (Expense Ratio):
एक्सपेंस रेशियो वह राशि है जो फंड मैनेजर के वेतन, विज्ञापन, लागत और फंड चलाने से जुड़े अन्य खर्चों के भुगतान के लिए जाती है। आदर्श रूप से यह संख्या 1% से कम होनी चाहिए, लेकिन यदि यह 1% से अधिक है, तो यह लंबी अवधि के निवेश के लिए महंगी हो सकती है।
6. फंड मैनेजर का अनुभव (Fund Manager Experience):
एक फंड मैनेजर जितने लंबे समय से सफलतापूर्वक फंड का प्रबंधन कर रहा है, उतना ही अच्छा है। इससे उन्हें बाजारों में मंदी जैसी स्थितियों से निपटने का अधिक अनुभव मिलेगा। एक अनुभवी फंड मैनेजर के पास सामान्य और विशिष्ट बाजार स्थितियों जैसे बुल या बेयर मार्केट में निवेश करने का अधिक अनुभव होता है। यह अनुभव कठिन समय में फण्ड का अच्छे से संचालन और प्रबंधन करने में और अच्छे समय का लाभ उठाने में मदद कर सकता है।
7. कर (Taxes):
अगर किसी इक्विटी फंड की यूनिट को एक साल से पहले बेच दिया जाता है तो उसे शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन माना जाता है। इस पर 15 फीसदी टैक्स और 4 फीसदी सेस लगता है। यदि किसी इक्विटी फंड की यूनिट को 1 साल के बाद बेचा जाता है तो उस पर हुए लाभ को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन कहा जाता है। इस पर 10 फीसदी और 4 फीसदी सेस लगता है। यहां निवेशक के लिए फायदे की बात यह है कि लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स तभी लगता है जब किसी निवेशक को एक वित्त वर्ष की अवधि में 1 लाख से ज्यादा का मुनाफा हुआ हो। इसी तरह अगर आप डेट फंड या अन्य दूसरे फंड में शॉर्ट यानी 3 साल से कम से के लिए निवेश करते हैं, तो आपको अपने इनकम टैक्स स्लैब के मुताबिक टैक्स देना होगा।
यहां कुछ म्यूचुअल फंड हैं जिन्हें आपको 2023 में निवेश करने के लिए विचार कर सकते है-
1. Parag Parikh Long-Term Equity Fund
NAV (Feb 20, 2023): ₹ 52.57
Returns: 18.57% (Annualised return since inception)
Expense ratio: 0.76% As on Jan 31, 2023
AUM (Fund Size): ₹ 29,345 Crs
Lock-in: No Lockin
Age: 9 yrs 9 m Since May 13, 2013
Benchmark: NIFTY 500 TRI
Min. Investment: SIP ₹1000 & Lumpsum ₹1000
2. Mirae Asset Large Cap Fund
NAV (Feb 20, 2023): ₹ 86.79
Returns: 16.17% (Annualised return since inception)
Expense ratio: 0.53% As on Jan 31, 2023
AUM (Fund Size): ₹ 33,446 Crs
Lock-in: No Lockin
Age: 10 yrs 1 m Since Jan 01, 2013
Benchmark: NIFTY 100 TRI
Min. Investment: SIP ₹1000 & Lumpsum ₹5000
3. Axis Midcap Fund
NAV (Feb 20, 2023): ₹ 75.55
Returns: 18.27% (Annualised return since inception)
Expense ratio: 0.53% As on Jan 31, 2023
AUM (Fund Size): ₹ 18,756 Crs
Lock-in: No Lockin
Age: 10 yrs 1 m Since Jan 01, 2013
Benchmark: S&P BSE 150 MidCap TRI
Min. Investment: SIP ₹100 & Lumpsum ₹500
4. Kotak Emerging Equity Fund
NAV (Feb 20, 2023): ₹ 85.84
Returns: 19.54% (Annualised return since inception)
Expense ratio: 0.49% As on Jan 31, 2023
AUM (Fund Size): ₹ 23,260 Crs
Lock-in: No Lockin
Age: 10 yrs 1 m Since Jan 01, 2013
Benchmark: NIFTY Midcap 150 TRI
Min. Investment: SIP ₹1000 & Lumpsum ₹5000
5. UTI Flexi Cap Fund
NAV (Feb 20, 2023): ₹ 240.63
Returns: 14.06% (Annualised return since inception)
Expense ratio: 0.89% As on Dec 31, 2022
AUM (Fund Size):₹ 24,170 Crs
Lock-in: No Lockin
Age: 10 yrs 1 m Since Jan 01, 2013
Benchmark: NIFTY 500 TRI
Min. Investment: SIP ₹500 & Lumpsum ₹5000
अस्वीकरण (Disclaimer):
म्यूचुअल फंड निवेश बाज़ार जोखिम के अधीन हैं, योजना संबंधी सभी दस्तावेज़ों को सावधानी से पढ़ें। योजनाओं की NAV, ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव सहित सिक्योरिटी बाज़ार को प्रभावित करने वाले कारकों व शक्तियों के आधार पर ऊपर-नीचे हो सकती है। ये जरूरी नहीं है कि किसी म्यूचुअल फंड का पूर्व में दिए अच्छा प्रदर्शन भविष्य में भी अच्छा प्रदर्शन या लाभ की गारंटी देगी।
पढ़ने के लिए धन्यवाद!